Viṣṇu Sahasranāma & Śiva Sahasranāma

Viṣṇu Sahasranāma

The most popular version of विष्णु सहस्रनाम(Viṣṇu Sahasranāma) comes in Chapter 135 of Anuśāsana Parva of Mahābhārata. Some names appear multiple times with different meanings.

4 Times - प्राणद, श्रीमान्  (2 Names)
3 Times - अज, प्राण, भोक्ता, माधव, वसु, वासुदेव, विष्णु, वीर, वीरहा, सत्य  (10 Names)
2 Times - अक्षोभ्य, अच्युत, अनघ, अनन्त, अनल, अनिरुद्ध, अनिर्देश्यवपु, अनिर्विण्ण, अनिल, अपराजित, अमितविक्रम, अमेयात्मा, अमोघ, आदित्य, आदिदेव, ईश्वर, उद्भव, ऋद्ध, कान्त, कुमुद, कृतज्ञ, कृतागम, कृष्ण, केशव, क्षाम, गहन, गोपति, गोप्ता, गोविन्द, चक्री, चतुरात्मा, चतुर्व्यूह, तार, दक्ष, दुर्धर, निवृत्तात्मा, पद्मनाभ, पावन, पुण्य, पुरुष, पुष्कराक्ष, प्रजापति, प्रणव, प्रभु, प्रमाण, भीम, महाकर्मा, महीधर, मार्ग, यज्ञ, वसुप्रद, वसुमना, वायुवाहन, विक्रमी, विधाता, विभु, विश्वयोनि, वेदवित्, शिव, शुचि, शुभाङ्ग, शौरि, श्रीनिवास, सतां गति, सर्वज्ञ, संवत्सर, सविता, सहिष्णु, सिद्ध, सिंह, सुखद, सुपर्ण, सुव्रत, स्थविष्ठ, स्रष्टा, हिरण्यगर्भ, हुतभुक् (77 Names)         

It has 897 unique names with 1000 meanings effectively.  

Śiva Sahasranāma

One of the popular versions of शिव सहस्रनाम(Śiva Sahasranāma) comes in Chapter 17 of Anuśāsana Parva of Mahābhārata. Some names appear multiple times with different meanings.  

4 Times: काल, विभु, सिद्धार्थ, हरि (4 Names)
3 Times: अजित, अनल, ध्रुव, पवित्र, प्रसाद, महाकाय, महान, महायशा, वर, शङ्कर, हर (11 Names)
2 Times: अनिन्दित, अनिल, अमर, अव्यय, असत्, उमापति, उर्ध्वरेता, कलि, काम, गति, गुह, जटी, तरू, दुर्वासा, देव, नन्दिकर, नर, निशाचर, पशुपति, पितामह, भव, भूतभावन, मन्त्र, महागर्भ, महातपा, महात्मा, महादंष्ट्र, महाबल, महारूप, महाहनु, मुण्ड, यज्ञ, लोकपाल, वज्री, विश्वदेव, विश्वरूप, शक्र, शुक्ल, शुचि, शोभन, सत्, सर्व, सर्वचारी, सर्वदेवमय, सर्वाङ्ग, स्थिर, हरिण, हवि (48 Names)

It has 926 unique names with 1008 meanings effectively.    

Common Names in Both Sahasranāmas

अक्षर, अचिन्त्य, अज, अजित, अनघ, अनन्तरूप, अनल, अनिमिष, अनिल, अमृत, अमोघ, अर्थ, अव्यय, अश्वत्थ, असत्, आदित्य, ईशान, ईश्वर, उग्र, ऋतु, कपिल, कर्ता, कान्त, काम, काल, कृष्ण, गुरु, गुह, गुह्य, गोपति, चल, जीवन, तारण, त्रिविक्रम, त्वष्टा, दक्ष, दक्षिण, दमन, देव, धन्वी, धाता, ध्रुव, नन्दन, नन्दि, नर, निग्रह, नियम, निर्वाण, नैकात्मा, न्यग्रोध, पद्मगर्भ, पद्मनाभ, परमात्मा, पवित्र, प्रजापति, प्रत्यय, प्रभु, प्रमाण, ब्रह्म, ब्रह्मकृत्, ब्रह्मवित्, ब्रह्मा, ब्राह्मण, भगवान्, भाव, भीम, भूतभावन, मधु, मनोजव, मन्त्र, महाकर्मा, महाकोश, महाक्ष, महातपा, महातेजा, महादेव, महान्, महाबल, महामाय, मान्य, यज्ञ, योग, योगी, रवि, रुद्र, लोहिताक्ष, वरद, वाजसन, वामन, वायुवाहन, विजय, विधाता, विभु, विरज, विराम, विश्वबाहु, विष्णु, विष्वक्सेन, वृक्ष, वैद्य, व्यवसाय, शर्व, शाश्वत, शिखण्डी, शिव, शुचि, श्रीमान्, संग्रह, सत्, सत्कृत, सर्व, सर्वकामद, सर्वग, सर्वज्ञ, सर्वतोमुख, संवत्सर, सविता, सह, सहस्राक्ष, सिद्धार्थ, सिद्धि, सुदर्शन, सुमुख, सुराध्यक्ष, सुरारिहा, सूक्ष्म, सूर्य, सोम, स्कन्द, स्थाणु, स्थिर, स्वस्तिद, हरि, हिरण्यबाहु, हुत, हुताशन, हुताशनसहाय, हेमकर, हैम, ह्लादन (140 Names)


Viṣṇu Sahasranāma - Full list

क्रमनामअर्थ
915अक्रूरःसब प्रकार के क्रूरभावों से रहित
17अक्षरःकभी क्षीण न होने वाले
481अक्षरम्अविनाशी
801अक्षोभ्यःकिसी के द्वारा भी क्षुभित न किये जा सकने वाले
999अक्षोभ्यःजो किसी प्रकार भी विचलित नहीं किये जा सके, ऐसे
891अग्रजःसबसे पहले जन्मने वाले आदिपुरुष
218अग्रणीःमुमुक्षुओं को उत्तम पद पर ले जाने वाले
55अग्राह्यःमन से भी ग्रहण न किये जा सकने वाले
745अचलःकिसी प्रकार भी विचलित न होने वाले - अविचल
832अचिन्त्यःकिसी प्रकार भी चिन्तन करने में न आने वाले अव्यक्तस्वरूप
100अच्युतःअपनी स्वरूप स्थिति से कभी त्रिकाल में भी च्युत न होने वाले
318अच्युतःछः भावविकारों से रहित
95अजःजन्मरहित
204अजःदुर्गुणों को दूर हटा देने वाले
521अजःअकार भगवान विष्णु का वाचक है, उससे उत्पन्न होने वाले ब्रह्मास्वरूप
549अजितःकिसी के द्वारा न जीते जाने वाले
835अणुःअत्यन्त सूक्ष्म
157अतीन्द्रःस्वयंसिद्ध ज्ञान-ऐश्वर्यादि के कारण इन्द्र से भी बढ़े-चढ़े हुए
169अतीन्द्रियःइन्द्रियों से सर्वथा अतीत
355अतुलःतुलनारहित
304अदृश्यःसमस्त ज्ञानेन्द्रियों के अविषय
895अद्भुतःअत्यन्त आश्चर्यमय
951अधाताजिसका कोई भी बनाने वाला न हो ऐसे स्वयं स्थित
324अधिष्ठानम्उपादान कारणरूप से सब भूतों के आश्रय
842अधृतःजिनको कोई भी धारण नहीं कर सकता- ऐसे निराधार
415अधोक्षजःअपने स्वरूप से क्षीण न होने वाले
146अनघःपापरहित
831अनघःसब प्रकार से निष्पाप
659अनन्तःजिनके स्वरूप, शक्ति, ऐश्वर्य, सामर्थ्य और गुणों का कोई भी पार नहीं पा सकता- ऐसे अविनाशी गुण, प्रभाव और शक्तियों से युक्त
886अनन्तःसब प्रकार से अन्तरहित
307अनन्तजित्युद्ध और क्रीड़ा आदि में सर्वत्र समस्त भूतों को जीतने वाले
932अनन्तरूपःअमितरूपवाले
933अनन्तश्रीःअपरिमित शोभासम्पन्न
518अनन्तात्माअनन्तमूर्ति
400अनयःस्वतन्त्र
431अनर्थःपूर्णकाम होने के कारण प्रयोजनरहित
293अनलःअग्निस्वरूप
711अनलःअपार शक्ति और सम्पत्ति से युक्त
941अनादिःजिसका आदि कोई न हो ऐसे सबके कारणस्वरूप
42अनादिनिधनःजन्म-मृत्यु से रहित
689अनामयःआन्तरिक और बाह्म सब प्रकार की व्याधियों से रहित
215अनिमिषःमत्स्यरूप से अवतार लेने वाले
865अनियमःनियमों से न बँधे हुए, जिनका कोई भी नियन्त्रण करने वाला नहीं, ऐसे परमस्वतन्त्र
185अनिरुद्धःकिसी के भी द्वारा न रुकने वाले
638अनिरुद्धःजिनको कोई बाँधकर नहीं रख सके- ऐसे चतुर्व्यूह में अनिरुद्धस्वरूप्
177अनिर्देश्यवपुःवर्णन करने में न आने योग्य स्वरूप
656अनिर्देश्यवपुःजिनके दिव्य स्वरूप का किसी प्रकार भी वर्णन नहीं किया जा सके- ऐसे अनिर्वचनीय शरीरवाले
435अनिर्विण्णःउकताहटरूप विकार से रहित
892अनिर्विण्णःपूर्णकाम होने के कारण उकताहट से रहित
234अनिलःप्राणरूप से वायुस्वरूप
812अनिलःसदा प्रबुद्ध रहने वाले
596अनिवर्तीरणभूमि में और धर्मपालन में पीछे न हटने वाले
774अनिवृत्तात्मासर्वत्र विद्यमान होने के कारण जिनका आत्मा कहीं से भी हटा हुआ नहीं है, ऐसे
626अनीशःजिनका दूसरा कोई शासक न हो- ऐसे स्वतन्त्र
342अनुकूलःआत्मारूप होने से सबके अनुकूल
80अनुत्तमःसर्वोत्कृष्ट
721अनेकमूर्तिःनाना अवतारों में स्वेच्छा से लोगों का उपकार करने के लिये बहुत मूर्तियों को धारण करने वाले
520अन्तकःप्राणियों का संहार करने वाल मृत्युस्वरूप
983अन्नम्समस्त प्राणियों के अन्न यानि अन्न की भाँति उनकी सब प्रकार से तुष्टि-पुष्टि करने वाले
984अन्नादःसमस्त अन्नों के भोक्ता
716अपराजितःदूसरों से अजित
862अपराजितःशत्रुओं द्वारा पराजित न होने वाले
323अपां निधिःजल को एकत्र रखने वाले, समुद्ररूप
900अप्ययःसम्पूर्ण जगत के लयस्थान
639अप्रतिरथःप्रतिपक्ष से रहित
325अप्रमत्तःकभी प्रसाद नकरने वाले
46अप्रमेयःप्रमाणादि से जानने में न आ सकने वाले
248अप्रमेयात्माकिसी से भी मापे न जा सकने वाले
871अभिप्रायःप्रेमीजन जिनको चाहते हैं - ऐसे परम इष्ट
437अभूःअजन्मा
49अमरप्रभुःदेवताओं के स्वामी
747अमानीस्वयं मान न चाहने वाले
516अमितविक्रमःवामनावतार में पृथ्वी नापते समय अत्यन्त विस्तृत पैर रखने वाले
641अमितविक्रमःअपार पराक्रमी
372अमिताशनःप्रलयकाल में सारे विश्व को भक्षण करने वाले
830अमूर्तिःमूर्तिरहित निराकार
720अमूर्तिमान्जिनकी कोई मूर्ति नहीं- ऐसे निराकार
119अमृतःकभी न मरने वाले
504अमृतपःसमुद्रमन्थन से निकाला हुआ अमृत देवों को पिलाकर स्वयं पीने वाले
814अमृतवपुःजिनका कलेवर कभी नष्ट न हो- ऐसे नित्य विग्रह
813अमृताशःजिनकी आशा कभी विफल न हो- ऐसे अमोघसंकल्प
283अमृतांशूद्भवःसमुद्रमन्थन करते समय चन्द्रमा को उत्पन्न करने वाले
198अमृत्युःमृत्यु से रहित
102अमेयात्माअप्रमेयस्वरूप
179अमेयात्माजिसका अनुमान न किया जा सके ऐसे आत्मावाले
110अमोघःभक्तों के द्वारा पूजन, स्वतन अथवा स्मरण किये जाने पर उन्हें वृथा न करके पूर्णरूप से उनका फल प्रदान करने वाले
154अमोघःअव्यर्थ चेष्टा वाले
517अम्भोनिधिःजल के निधान समुद्रस्वरूप
866अयमःजिनका कोई शासक नहीं
347अरविन्दाक्षःकमल के समान आँखों वाले
906अरौद्रःसब प्रकार के रुद्र (क्रूर) भावों से रहित शान्तिमूर्ति
795अर्कःब्रह्मादि पूज्य पुरुषों के भी पूजनीय
634अर्चितःब्रह्मादि समस्त लोकों से पूजे जाने वाले
633अर्चिष्मान्चन्द्र-सूर्य आदि समस्त ज्योतियों को देदीप्यमान करने वाली अतिशय प्रकाशमय अनन्त किरणों से युक्त
430अर्थःसुखस्वरूप होने के कारण सबके द्वारा प्रार्थनीय
873अर्हःसबके परम पूज्य
482अविज्ञाताक्षेत्रज्ञ जीवात्मा को विज्ञाता कहते हैं, उनसे विलक्षण भगवान विष्णु
621अविधेयात्माजिनके असली स्वरूप का किसी प्रकार भी वर्णन नहीं किया जा सके- ऐसे अनिर्वचनीयस्वरूप
309अविशिष्टःसम्पूर्ण विशेषणों से रहित
722अव्यक्तःअनेक मूर्ति होते हुए भी जिनका स्वरूप किसी प्रकार व्यक्त न किया जा सके- ऐसे अप्रकटस्वरूप
305अव्यक्तरूपःनिराकार स्वरूपवाले
129अव्यङ्गःज्ञानादि से परिपूर्ण अर्थात् किसी प्रकार अधूरे न रहने वाले सर्वांगपूर्ण
13अव्ययःकभी विनाश को प्राप्त न होने वाले
336अशोकःसब प्रकार के शोक से रहित
824अश्वत्थःपीपल वृक्षस्वरूप
247असंख्येयःजिसके नाम और गुणों की संख्या न की जा सके
479असत्स्थूल जगत्स्वरूप
108असम्मितःसमस्त पदार्थों से मापे न जा सकने वाले
90अहःप्रकाशरूप
232अहः संवर्तकःसूर्यरूप से सम्यक्तया दिन के प्रवर्तक
985आत्मयोनिःजिनका कारण दूसरा कोई नहीं ऐसे स्वयं योनिस्वरूप
84आत्मवान्अपनी ही महिमा में स्थित
39आदित्यःद्वादश आदित्यों में विष्णुनामक आदित्य
563आदित्यःअदितिपुत्र वामन भगवान
334आदिदेवःसबके आदिकारण देव
490आदिदेवःसबके आदि कारण और दिव्यस्वरूप
950आधारनिलयःआधारस्वरूप पृथ्वी आदि समस्त भूतों के स्थान
526आनन्दःआनन्दस्वरूप
560आनन्दीपरम सुखस्वरूप
228आवर्तनःसंसारचक्र को चलाने के स्वभाव वाले
852आश्रमःसबको विश्राम देने वाले
446इज्यःपूजनीय
786इन्द्रकर्माइन्द्र के समान कर्मवाले
308इष्टःपरमानन्दरूप होने से सर्वप्रिय
64ईशानःसर्वभूतों के नियन्ता
36ईश्वरःउपाधिरहित ऐश्वर्य वाले
74ईश्वरःसर्वशक्तिमान ईश्वर
421उग्रःसूर्यादि के भी भय के कारण
494उत्तरःसंसार-समुद्र से उद्धार करने वाले और सर्वश्रेष्ठ
923उत्तारणःसंसार-सागर से पार करने वाले
624उदीर्णःसब प्राणियों से श्रेष्ठ
823उदुम्बरःकारणरूप से आकाश के भी ऊपर रहने वाले
373उद्भवःजगत की उत्पत्ति के उपादान कारण
790उद्भवःस्वेच्छा से श्रेष्ठ जन्म धारण करने वाले
151उपेन्द्रःइन्द्र के छोटे भाई
156ऊर्जितःअत्यन्त बलशाली
910ऊर्जितशासनःजिनका श्रुति- स्मृतिरूप शासन अत्यन्त श्रेष्ठ है- ऐसे अतिश्रेष्ठ शासन करने वाले
954ऊर्ध्वगःसबसे ऊपर रहने वाले
416ऋतुःऋतुस्वरूप
278ऋद्धःधर्म, ज्ञान और वैराग्यादि से सम्पन्न
351ऋद्धःसबमें बढे़-चढ़े
725एकःसब प्रकार के भेदभावों से रहित अद्वितीय
772एकपात्एक पाद वाले यानि एक पाद (अंश)- से समस्त विश्व को व्याप्त करने वाले
965एकात्माअद्वितीयस्वरूप
275ओजस्तेजोद्युतिधरःप्राण और बल, शूरवीरता आदि गुण तथा ज्ञान की दीप्ति को धारण करने वाले
287औषधम्संसार रोग को मिटाने के लिये औषधरूप
728कःसुखस्वरूप
848कथितःवेद-शास्त्र और महापुरुषों द्वारा जिनके गुण, प्रभाव, ऐश्वर्य और स्वरूप का बारंबार कथन किया गया है, ऐसे सबके द्वारा वर्णित
541कनकाङ्गदीसुवर्ण का बाजूबंद धारण करने वाले
899कपिःसूर्यदेव
898कपिलःमहर्षि कपिलावतार
501कपीन्द्रःबंदरों के स्वामी श्रीराम
378करणमसंसारकी उत्पत्ति के सबसे बड़े साधन
380कर्तासबके रचयिता
132कविःसर्वज्ञ
296कान्तःकमनीयरूप
654कान्तःपरम मनोहर स्वरूप
297कामः(क) ब्रह्मा, (अ) विष्णु, (म) महादेव- इस प्रकार त्रिदेवरूप
295कामकृत्भक्तों की कामनाओं को पूर्ण करने वाले
651कामदेवःधर्म, अर्थ, काम और मोक्ष- इन चारों पुरुषार्थों को चाहने वाले मनुष्यों द्वारा अभिलषित समस्त कामनाओं के अधिष्ठाता परमदेव
652कामपालःसकामी भक्तों की कामनाओं की पूर्ति करने वाले
298कामप्रदःभक्तों को उनकी कामना की हुई वस्तुएँ प्रदान करने वाले
294कामहाअपने भक्तजनों के सकामभाव को नष्ट करने वाले
653कामीअपने प्रियतमों को चाहने वाले
379कारणम्जगत् के उपादान और निमित्तकारण
418कालःसबकी गणना करने वाले
642कालनेमिनिहाकालनेमि नामक असुर को मारने वाले
729किम्विचारणीय ब्रह्मस्वरूप
907कुण्डलीसूर्य के समान प्रकाशमान मकराकृति कुण्डलों को धारण करने वाले
809कुन्दःपरशुराम-अवतार में पृथ्वी प्रदान करने वाले
808कुन्दरःहिरण्याक्ष को मारने के लिये पृथ्वी को विदीर्ण करने वाले
589कुमुदःपृथ्वी पर प्रसन्नतापूर्वक लीला करने वाले
807कुमुदःकु अर्थात् पृथ्वी को उसका भार उतारकर प्रसन्नकरने वाले
635कुम्भःघट की भाँति सबके निवासस्थान
590कुवलेशयःजल में शेषनाग की शय्या पर शयन करने वाले
788कृतकर्माजो समस्त कर्तव्य कर्म कर चुके हों, जिनका कोई कर्तव्य शेष न रहा हो- ऐसे कृतकृत्य
82कृतज्ञःअपने निमित्त से थोड़ा-सा भी त्याग किये जाने पर उसे बहुत मानने वाले यानि पत्र-पुष्पादित थोड़ी सी वस्तु समर्पण करने वालों को भी मोक्ष दे देने वाले
532कृतज्ञःअपने भक्तों की सेवा को बहुत मानकर अपने को उनका ऋणी समझने वाले
485कृतलक्षणःश्रीवत्स आदि चिह्नों को धारण करने वाले
136कृताकृतःकायर्करूप से कृत और कारणरूप से अकृत
655कृतागमःसमस्त वेद और शास्त्रों को रचने वाले
789कृतागमःस्वोचित अनेक कार्यों को पूर्ण करने के लिये अवतार धारण करके अने वाले
537कृतान्तकृत्स्मरण करने वालों के समस्त कर्मों का अन्त करने वाले
83कृतिःपुरुष-प्रयत्न के आधाररूप
837कृशःअत्यन्त पतले और हलके
57कृष्णःसबके चित्त को बलात् अपनी ओर आकर्षित करने वाले परमानन्दस्वरूप
550कृष्णःश्यामसुन्दर श्रीकृष्ण
23केशवः(क) ब्रह्मा, (अ) विष्णु और (ईश) महादेव- इस प्रकार त्रिमूर्तिस्वरूप
648केशवःब्रह्मा, विष्णु और शिव-स्वरूप
649केशिहाकेशी नाम के असुर को मारने वाले
448क्रतुःस्तम्भयुक्त यज्ञस्वरूप
79क्रमःक्रम विस्तार के कारण
315क्रोधकृत्कर्ताक्रोध करने वाले दैत्यादि के विनाशक
314क्रोधहाक्रोध का नाश करने वाले
442क्षमःसमस्त कार्यों में समर्थ
919क्षमिणां वरःक्षमा करने वालों में सर्वश्रेष्ठ
480क्षरम्सर्वभूतमय
443क्षामःसमस्त जगत् के निवासस्थान
854क्षामःप्रलयकाल में सब प्रजा का क्षय करने वाले
991क्षितीशःपृथ्वीपति
16क्षेत्रज्ञःक्षेत्र अर्थात समस्त प्रकृतिरूप शरीर को पूर्णतया जानने वाले
599क्षेमकृत्शरणागत की रक्षा करने वाले
374क्षोभणःजगत् की उत्पत्ति के समय प्रकृति और पुरुष में प्रविष्ट होकर उन्हें क्षुब्ध करने वाले
568खण्डपरशुःशत्रुओं का खण्डन करने वाले फरसे को धारण करने वाले परशुरामस्वरूप
566गतिसत्तमःसर्वश्रेष्ठ गतिस्वरूप
764गदाग्रजःगद से पहले जन्म लेने वाले श्रीकृष्ण
997गदाधरःकौमोदकी नाम की गदा धारण करने वाले
486गभस्तिनेमिःकिरणों के बीच में सूर्यरूपसे स्थित
543गभीरःअतिशय गम्भीर स्वभाववाले
937गभीरात्मागम्भीर मनवाले
354गरूडध्वजःगरूड के चिह्न से युक्त ध्वजावाले
382गहनःअपने विलक्षण स्वरूप, सामर्थ्य और लीलादि के कारण पहचाने न जा सकने वाले
544गहनःजिनके स्वरूप में प्रविष्ट होना अत्यन्त कठिन हो-ऐसे
839गुणभृत्समस्त गुणों को धारण करने वाले
545गुप्तःवाणी और मन से जानने में न आने वाले
209गुरुःसब विद्याओं का उपदेश करने वाले
210गुरुतमःब्रह्मा आदि को भी ब्रह्मविद्या प्रदान करने वाले
383गुहःमाया से अपने स्वरूप को ढक लेने वाले
542गुह्यःहृदयाकाश में छिपे रहने वाले
495गोपतिःगोपालरूप से गायों की रक्षा करने वाले
592गोपतिःपृथ्वी के और गायों के स्वामी
496गोप्तासमस्त प्राणियों का पालन और रक्षा करने वाले
593गोप्ताअवतार धारण करके सबके सम्मुख प्रकट होते समय अपनी माया से अपने स्वरूप को आच्छादित करने वाले
188गोविदां पतिःवेदवाणी को जानने वालों के स्वामी
187गोविन्दःवेदवाणी के द्वारा अपने को प्राप्त करा देने वाले
539गोविन्दःनष्ट हुई पृथ्वी को पुनः प्राप्त कर लेने वाले
591गोहितःगोपालरूप से गायों का और अवतार धारण करके भार उतारकर पृथ्वी का हित करने वाले
219ग्रामणीःभूतसमुदाय के नेता
744घृताशीःअपने आश्रित जनों के लिये कृपा से सने हुए द्रवित संकल्प करने वाले
546चक्रगदाधरःभक्तों की रक्षा करने के लिये चक्र और गदा आदि दिव्य आयुधों को धारण करने वाले
908चक्रीसुदर्शनचक्र को धारण करने वाले
995चक्रीसुदर्शन चक्र धारण करने वाले
936चतुरस्त्रःमंगलमूर्ति
137चतुरात्माब्रह्मा, विष्णु, महेश और निराकार ब्रह्म- इन चार स्वरूपों वाले
769चतुरात्मामन, बुद्धि, अहंकार और चित्तरूप चार अन्तःकरण वाले
768चतुर्गतिःसालोक्य, सामीप्य, सारूप्य, सायुज्यरूप चार परम गतिस्वरूप
139चतुर्दंष्ट्रःचार दाढ़ों वाले नरसिंहरूप
766चतुर्बाहुःचार भुजाओं वाले
770चतुर्भावःधर्म, अर्थ, काम और मोक्ष- इन चारों पुरुषार्थों के उत्पत्तिस्थान
140चतुर्भुजःचार भुजाओं वाले
765चतुर्मूर्तिःराम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघनरूप चार मूर्तियों वाले
771चतुर्वेदवित्चारों वेदों के अर्थ को भली-भाँति जानने वाले
138चतुर्व्यूहःउत्पत्ति, स्थिति, नाश और रक्षारूप चार व्यूहवाले
767चतुर्व्यूहःवासुदेव, संकर्षण, प्रद्युम्न और अनिरुद्ध- इन चार व्यूहों से युक्त
740चन्दनाङ्गदीचन्दन के लेप और बाजूबंद से सुशोभित
281चन्द्रांशुःसंसारताप से संतप्तचित्त पुरुषों को चन्द्रमा की किरणों के समान आहलादित करने वाले
746चलःवायुरूप से सर्वत्र गमन करने वाले
825चाणूरान्ध्रनिषूदनःचाणूर नामक अन्ध्रजाति के वीर मल्ल को मारने वाले
623छिन्नसंशयःसब प्रकार के संशयों से रहित
288जगतः सेतुःसंसार-सागर को पार कराने के लिये सेतुरूप
145जगदादिजःजगत् के आदि में हिरण्यगर्भ रूप से स्वयं उत्पन्न होने वाले
947जनजन्मादिःजन्म लेने वालों के जन्म के मूल कारण
946जननःप्राणिमात्र को उत्पन्न करने वाले
126जनार्दनःभक्तों के द्वारा अभ्युदयनिःश्रेयसरूप परम पुरुषार्थ की याचना किये जाने वाले
341जनेश्वरःसमस्त जीवों के स्वामी
966जन्ममृत्युजरातिगःजन्म
509जयःसब पर विजय प्राप्त करने वाले
798जयन्तःशत्रुओं को पूर्णतया जीतने वाले
244जह्नुःसंहार के समय जीवों का लय करने वाले
462जितक्रोधःक्रोध पर विजय करने वाले अर्थात् अपने साथ अत्यन्त अनुचित व्यवहार करने वाले पर भी क्रोध न करने वाले
934जितमन्युःसब प्रकार से क्रोध को जीत लेने वाले
524जितामित्रःरावण-शिशुपालादि शत्रुओं को जीतने वाले
513जीवःक्षेत्रज्ञरूप से प्राणों को धारण करने वाले
930जीवनःसमस्त प्रजा को प्राणरूप से जीवित रखने वाले
148जेतास्वभाव से ही समस्त भूतों को जीतने वाले
497ज्ञानगम्यःज्ञान के द्वारा जानने में आने वाले
454ज्ञानमुत्तमम्सर्वोत्कृष्ट ज्ञानस्वरूप
67ज्येष्ठःसबके कारण होने से सबसे बडे़
877ज्योतिःस्वयंप्रकाशस्वरूप
564ज्योतिरादित्यःसूर्यमण्डल में विराजमान ज्योतिःस्वरूप
619ज्योतिर्गणेश्वरःनक्षत्रसमुदायों के ईश्वर
731तत्विस्तार कने वाले
963तत्त्वम्यथार्थ तत्त्वरूप
964तत्त्ववित्यथार्थ तत्त्व को पूर्णतया जानने वाले
785तन्तुवर्धनःपूर्वोक्त जगत्-तन्तु को बढ़ाने वाले
338तारःजन्म-जरा-मृत्युरूप भय से तारने वाले
968तारःसंसार-सागर से पार उतारने वाले
337तारणःसंसारसागर से तारने वाले
691तीर्थकरःसमस्त विद्याओं के रचयिता और उपदेशकर्ता
391तुष्टःएकमात्र परमानन्दस्वरूप
757तेजोवृषःअपने भक्तों पर आनन्दमय तेज की वर्षा करने वाले
61त्रिककुब्धामऊपर-नीचे और मध्यभेदवाली तीनों दिशाओं के आश्रयरूप
535त्रिदशाध्यक्षःदेवताओं के स्वामी
534त्रिपदःत्रिलोकीरूप तीन पैरों वाले विश्वरूप
751त्रिलोकधृक्तीनों लोकों को धारण करने वाले
646त्रिलोकात्माअन्तर्यामीरूप से तीनों लोकों के आत्मा
647त्रिलोकेशःतीनों लोकों के स्वावमी
530त्रिविक्रमःतीन डग में तीनों लोकों को नापने वाले
574त्रिसामादेवव्रत आदि तीन साम श्रुतियों द्वारा जिनकी स्तुति की जाती है- ऐसे परमेश्वर
52त्वष्टासंहार के समय सम्पूर्ण प्राणियों को क्षीण करने वाले
423दक्षःसब कार्यों को बड़ी कुशलता से करने वाले
917दक्षःसब प्रकार से समृद्ध, परमशक्तिशाली और क्षणमात्र में बड़े-से-बड़ा कार्य कर देने वाले महान कार्यकुशल
918दक्षिणःसंहारकारी
859दण्डःदमन करने वालों की दमनशक्ति
861दमःदण्ड का कार्य यानि जिनको दण्ड दिया जाता है, उनका सुधार
190दमनःप्रमाद करने वाली प्रजा को यम आदि के रूप से दमन करने वाले
860दमयितायम और राजा आदि के रूप में दमन करने वाले
713दर्पदःअपने भक्तों को विशुद्ध उत्साह प्रदान करने वाले
712दर्पहाधर्मविरुद्ध मार्ग में चलने वालों के घमण्ड को नष्ट करने वाले
367दामोदरःयशोदाजी द्वारा रस्सी से बँधे हुए उदरवाले
569दारुणःसन्मार्गविरोधियों के लिये महान् भयंकर
511दाशार्हःदाशार्हकुल में प्रकट होने वाले
571दिविस्पृक्स्वर्गलोक तक व्याप्त
940दिशःवेदरूप से समस्त कर्मों का फल बतलाने वाले
719दीप्तमूर्तिःस्वेच्छा से धारण किये हुए देदीप्यमान स्वरूप से युक्त
776दुरतिक्रमःजिनकी आज्ञा का कोई उल्लंघन नहीं कर सके, ऐसे
81दुराधर्षःकिसी से भी तिरस्कृत न हो सकने वाले
781दुरारिहादुष्ट मार्ग में चलने वाले दैत्यों का वध करने वाले
780दुरावासःबड़ी कठिनता से योगीजनों द्वारा हृदय में बसाये जाने वाले
779दुर्गःकठिनता से प्राप्त होने वाले
778दुर्गमःकठिनता से जानने में आने वाले
775दुर्जयःकिसी से भी जीतने में न आने वाले
266दुर्धरःध्यान द्वारा कठिनता से धारण किये जा सकने वाले
715दुर्धरःबड़ी कठिनता से हृदय में धारित होने वाले
205दुर्मर्षणःकिसी से भी सहन नहीं किये जा सकने वाले
777दुर्लभःबिना भक्ति के प्राप्त न होने वाले
924दुष्कृतिहापापों का और पापियों का नाश करने वाले
926दुःस्वप्ननाशनःध्यान, स्मरण, कीर्तन और पूजन करने से बुरे स्वप्नों का नाश करने वाले
551दृढःअपने स्वरूप और सामर्थ्य से कभी भी च्युत न होने वाले
714दृप्तःनित्यानन्दमग्न
375देवःप्रकाशस्वरूप
989देवकीनन्दनःदेवकीपुत्र
493देवभृद्गुरुःदेवों का विशेष रूप से भरण-पोषण करने वाले उनके परम गुरु
492देवेशःसमस्त देवों के स्वामी
758द्युतिधरःपरम कान्ति को धारण करने वाले
570द्रविणप्रदःअर्थार्थी भक्तों को धन-सम्पत्ति प्रदान करने वाले
660धनञ्जयःअर्जुनरूप से दिग्विजय के समय बहुत- सा धन जीतकर लाने वाले
857धनुर्धरःधनुषधारी श्रीराम
858धनुर्वेदःधनुर्विद्या को जानने वाले श्रीराम
474धनेश्वरःसब प्रकार के धनों के स्वामी
754धन्यःनित्य कृतकृत्य होने के कारण सर्वथा धन्यवाद के पात्र
76धन्वीशार्गंधनुष रखने वाले
235धरणीधरःवराह और शेषरूप से पृथ्वी को धारण करने वाले
756धराधरःअनन्त भगवान् के रूप से पृथ्वी को धारण करने वाले
403धर्मःधर्मस्वरूप
476धर्मकृत्धर्म की स्थापना करने के लिये स्वयं धर्म का आचरण करने वाले
475धर्मगुप्धर्म की रक्षा करने वाले
438धर्मयूपःधर्म के स्तम्भरूप
404धर्मविदुत्तमःसमस्त धर्मवेत्ताओं में उत्तम
135धर्माध्यक्षःअनुरूप फल देने के लिये धर्म ओर अधर्म का निर्णय करने वाले
477धर्मीसम्पूर्ण धर्मों के आधार
43धाताविश्व को धारण करने वाले
45धातुरूत्तमःकार्य-कारणरूप सम्पूर्ण प्रपंच को धारण करने वाले एवं सर्वश्रेष्ठ
211धामसम्पूर्ण जगत के आश्रय
329धुर्यःसमस्त भूतों के जन्मादिरूप धुर को धारण करने वाले
160धृतात्माजन्मादि से रहित रहकर स्वेचछा से स्वरूप धारण करने वाले
388ध्रुवःअचल स्वरूप
440नक्षत्रनेमिःसमस्त नक्षत्रों के केन्द्रस्वरूप
441नक्षत्रीचन्द्ररूप
528नन्दःसम्पूर्ण ऐश्वर्यों से सम्पन्न
994नन्दकीनन्दक नामक खड्ग धारण करने वाले
527नन्दनःसबको प्रसन्न करने वाले
618नन्दिःपरमानन्दस्वरूप
399नयःसबको नियम में रखने वाले
246नरःभक्तों को परमधाम में ले जाने वाले
312नहुषःभूतों को माया से बाँधने वाले
21नारसिंहवपुःमनुष्य और सिंह दोनों के-जैसाशरीर धारण करने वाले नरसिंहरूप
245नारायणःजल में शयन करने वाले
761निग्रहःसबका निग्रह करने वाले
30निधिरव्ययःप्रलयकाल में सब प्राणियों के लीन होने के लिये अविनाशी स्थानरूप
214निमिषःयोगनिद्रा से मुँदे हुए नेत्रों वाले
864नियन्तासबको अपने-अपने कर्तव्य में नियुक्त करने वाले
161नियमःप्रजा को अपने-अपने अधिकारों में नियमित करने वाले
840निर्गुणःसत्त्व, रज और तम- इन तीनों गुणों से अतीत
577निर्वाणम्परमशान्ति के निधान परमानन्दस्वरूप
229निवृत्तात्मासंसारबन्धन से नित्य मुक्तस्वरूप
597निवृत्तात्मास्वभाव से ही विषय-वासनारहित नित्य शुद्ध मनवाले
583निष्ठासबकी स्थिति के आधार अधिष्ठानस्वरूप
222नेताजगत् रूप यन्त्र को चलाने वाले
398नेयःउत्तम ज्ञान से ग्रहण करने योग्य
726नैकःअवतार-भेद से अनेक
469नैककर्मकृत्जगत् की उत्पत्ति, स्थिति और प्रलयरूप तथा भिन्न-भिन्न अवतारों में मनोहर लीलारूप अनेक कर्म करने वाले
890नैकजःधर्मरक्षा, साधुरक्षा आदि परम विशुद्ध हेतुओं से स्वेच्छापूर्वक अनेक जन्म धारण करने वाले
302नैकमायःअनेक मायाओं को धारण करने वाले
271नैकरूपःअनेक रूपधारी
763नैकश्रृंगःनाम, आख्यात, उपसर्ग और निपातरूप चार सींगों को धारण करने वाले शब्दब्रह्मस्वरूप
468नैकात्माप्रत्येक युग में लोकोद्धार के लिये अनेक रूप धारण करने वाले
822न्यग्रोधःवटवृक्षरूप
221न्यायःप्रमाणों के आश्रयभूत तर्क की मूर्ति
958पणःयथायोग्य व्यवहार करने वाले
732पदमनुत्तमम्मुमुक्षु पुरुषों द्वारा प्राप्त किये जाने योग्य अत्युत्तम परमपदस्वरूप
348पद्मगर्भःहृदयकमल में ध्यान करने योग्य
346पद्मनाथःहृदय-कमल के मध्य निवास करने वाले
48पद्मनाभःजगत के कारणरूप कमल को अपनी नाभि में स्थान देने वाले
196पद्मनाभःकमल के समान सुन्दर नाभिवाले
345पद्मनिभेक्षणःकमल के समान कोमल दृष्टिवाले
344पद्मीअपने हाथ में कमल धारण करने वाले
390परमस्पष्टःज्ञानस्वरूप होने से परम स्पष्ट रूप
11परमात्मापरमश्रेष्ठ नित्यशुद्ध-बुद्ध-मुक्तस्वभाव
377परमेश्वरःसर्वश्रेष्ठ शासन करने वाले
419परमेष्ठीअपने प्रकृष्ट महिमा में स्थित रहने के स्वभाववाले
389परर्द्धिःश्रेष्ठ विभूतिवाले
585परायणम्मुमुक्षु पुरुषों के परम प्राप्य-स्थान
420परिग्रहःशरणार्थियों के द्वारा सब ओर से ग्रहण किये जाने वाले
810पर्जन्यःबादल की भाँति समस्त इष्ट वस्तुओं की वर्षा करने वाले
931पर्यवस्थितःसमस्त विश्व को व्याप्त करके स्थित रहने वाले
291पवनःवायुरूप
62पवित्रम्सबको पवित्र करने वाले
992पापनाशनःस्मरण, कीर्तन
292पावनःजगत् को पवित्र करने वाले
811पावनःस्मरण मात्र से पवित्र करने वाले
111पुण्डरीकाक्षःकमल के समान नेत्रों वाले
687पुण्यःस्मरणमात्र से पापों का नाश करने वाले पुण्यस्वरूप
925पुण्यःस्मरण आदि करने वाले समस्त पुरुषों को पवित्र कर देने वाले
688पुण्यकीर्तिःपरमपावन कीर्तिवाले
922पुण्यश्रवणकीर्तनःजिनके नाम, गुण, महिमा और स्वरूप का श्रवण ओर कीर्तन परम पावन हैं
150पुनर्वसुःपुनः-पुनः अवतार-शरीरों में निवास करने वाले
335पुरंदरःअसुरों के नगरों का ध्वंस करने वाले
498पुरातनःसदा एकरस रहने वाले, सबके आदि पुराणपुरुष
14पुरुषःपुर अर्थात शरीर में शयन करने वाले
406पुरुषःविश्वरूप शरीर में शयन करने वाले
24पुरुषोत्तमःक्षर और अक्षर- इन दोनों से सर्वथा उत्तम
506पुरूजित्बहुतों को विजय लाभ करने वाले
507पुरूसत्तमःविश्वरूप और अत्यन्त श्रेष्ठ
40पुष्कराक्षःकमल के समान नेत्र वाले
556पुष्कराक्षःकमल के समान नेत्र वाले
392पुष्टःएकमात्र सर्वत्र परिपूर्ण
952पुष्पहासःपुष्प की भाँति विकसित हास्यवाले
10पूतात्मापवित्रात्मा
686पूरयिताअपने भक्तों को सब प्रकार से परिपूर्ण करने वाले
685पूर्णःसमस्त ज्ञान, शक्ति, ऐश्वर्य और गुणों से परिपूर्ण
410पृथुःविराट रुप से विस्तृत होने वाले
916पेशलःमन, वाणी और कर्म-सभी दृष्टियों से सुन्दर होने के कारण परम सुन्दर
274प्रकाशनःसबको प्रकाशित करने वाले
276प्रकाशात्माप्रकाशरूप
760प्रग्रहःभक्तों के द्वारा अर्पित पत्र-पुष्पादि को ग्रहण करने वाले
953प्रजागरःभली प्रकार जाग्रत रहने वाले नित्यप्रबुद्ध
69प्रजापतिःईश्वररूप से सारी प्रजाओं के स्वामी
197प्रजापतिःसम्पूर्ण प्रजाओं के पालनकर्ता
89प्रजाभवःसारी प्रजा को उत्पन्न करने वाले
409प्रणवःओंकारस्वरूप
957प्रणवःऊँकारस्वरूप
59प्रतर्दनःप्रलयकाल में प्राणियों का संहार करने वाले
277प्रतापनःसूर्य आदि अपनी विभूतियों से विश्व को तप्त करने वाले
326प्रतिष्ठितःअपनी महिमा में स्थित
93प्रत्ययःउत्तम बुद्धि से जानने में आने वाले
319प्रथितःजगत की उत्पत्ति आदि कर्मों के कारण विख्यात
640प्रद्युम्नःपरम श्रेष्ठ अपार धन से युक्त चतुर्व्यूह में प्रद्युम्नस्वरूप
20प्रधानपुरुषेश्वरःप्रकृति और पुरुष के स्वामी
970प्रपितामहःपितामह ब्रह्मा के भी पिता
34प्रभवःउत्कृष्ट (दिव्य) जन्म वाले
35प्रभुःसबके स्वामी
299प्रभुःसर्वसामर्थ्यवान
60प्रभूतःज्ञान, ऐश्वर्य आदि गुणों से सम्पन्न
428प्रमाणम्ज्ञानस्वरूप होने के कारण स्वयं प्रमाणरूप
959प्रमाणम्स्वतःसिद्ध होने से स्वयं प्रमाणस्वरूप
525प्रमोदनःस्मरणमात्र से नित्य प्रमुदित करने वाले
237प्रसन्नात्माप्रसन्न स्वभाव वाले
845प्राग्वंशःजिनसे समस्त वंश-परम्परा आरम्भ हुई है- ऐसे समस्त पूर्वजों के भी पूर्वज आदिपुरुष
66प्राणःप्राणस्वरूप
320प्राणःहिरण्यगर्भरूप से प्रजा को जीवित रखने वाले
407प्राणःप्राणवायुरूप से चेष्टा करने वाले
962प्राणजीवनःप्राणवायु के संचार से प्राणियों को जीवित रखने वाले
65प्राणदःसबके प्राणदाता
321प्राणदःसबका भरण-पोषण करने वाले
408प्राणदःसर्ग के आदि में प्राण प्रदान करने वाले
956प्राणदःपरीक्षित आदि मरे हुओं को भी जीवन देने वाले
960प्राणनिलयःप्राणों के आधारभूत
961प्राणभृत्समस्त प्राणों का पोषण करने वाले
153प्रांसुःतीनों लोकों को लाँघने के लिये त्रिविक्रमरूप से ऊँचे होने वाले
874प्रियकृत्भजने वालों का प्रिय करने वाले
872प्रियार्हःअत्यन्त प्रिय वस्तु समर्पण करने के लिये योग्य पात्र
875प्रीतिवर्धनःअपने प्रेमियों के प्रेम को बढ़ाने वाले
116बभ्रुःलोकों का भरण करने वाले
115बहुशिराःबहुत से सिरों वाले
429बीजमव्ययम्संसार के अविनाशी कारण
836बृहत्सबसे बड़े
333बृहद्भानुःमहान् किरणों से युक्त एवं सम्पूर्ण जगत् को प्रकाशित करने वाले सूर्यरूप
272बृहद्रूपःविश्वरूपधारी
664ब्रह्मसच्चिदानन्दस्वरूप
662ब्रह्मकृत्पूर्वोक्त तप आदि की रचना करने वाले
669ब्रह्मज्ञःअपने आत्मस्वरूप ब्रह्मशब्दवाची वेद को पूर्णतया यथार्थ जानने वाले
661ब्रह्मण्यःतप, वेद, ब्राह्मण और ज्ञान की रक्षा करने वाले
666ब्रह्मवित्वेद और वेदार्थ को पूर्णतया जानने वाले
665ब्रह्मविवर्धनःपूर्वोक्त ब्रह्मशब्दवाची तप आदि की वृद्धि करने वाले
663ब्रह्माब्रह्मारूप से जगत् को उत्पन्न करने वाले
668ब्रह्मीब्रह्मशब्दवाची तपादि समस्त पदार्थों के अधिष्ठान
667ब्राह्मणःसमस्त वस्तुओं को ब्रह्मरूप से देखने वाले
670ब्राह्मणप्रियःब्राह्मणों को अतिशय प्रिय मानने वाले
736भक्तवत्सलःभक्तों से प्रेम करने वाले
558भगवान्उत्पत्ति और प्रलय, आना और जाना तथा विद्या और अविद्या को जानने वाले एवं सर्वैश्वर्यादि छहों भगों से युक्त
559भगहाअपने भक्तों का प्रेम बढ़ाने के लिये उनके ऐश्वर्य का हरण करने वाले
833भयकृत्दुष्टों को भयभीत करने वाले
834भयनाशनःस्मरण करने वालों के और सत्पुरुषों के भय का नाश करने वाले
935भयापहःभक्तभयहारी
33भर्तासबका भरण करने वाले
284भानुःभासने वाले
847भारभृत्शेषनाग आदि के रूप में पृथ्वी का भार उठाने वाले और अपने भक्तों के योगक्षेमरूप भार को वहन करने वाले
7भावःनित्यस्वरूप होते हुए भी स्वतः उत्पन्न होने वाले
32भावनःसमस्त भोक्ताओं के फलों को उत्पन्न करने वाले
282भास्करद्युतिःसूर्य के समान प्रकाशस्वरूप
579भिषक्संसार रोग का नाश करने के लिये गीतारूप उपदेशामृत का पान कराने वाले परम वैद्य
357भीमःजिससे पापियों को भय हो ऐसे भयानक
948भीमःदुष्टों को भय देने वाले
949भीमपराक्रमःअतिशय भय उत्पन्न करने वाले
193भुजगोत्तमःसर्पों में श्रेष्ठ शेषनागरूप
71भूगर्भःपृथ्वी को गर्भ में रखने वाले
5भूतकृत्रजोगुण को स्वीकार करके ब्रह्मारूप से सम्पूर्ण भूतों की रचना करने वाले
4भूतभव्यभवत्प्रभुःभूत, भविष्य और वर्तमान के स्वामी
290भूतभव्यभवन्नाथःभूत, भविष्य और वर्तमान के स्वामी
9भूतभावनःभूतों की उत्पत्ति और वृद्धि करने वाले
6भूतभृत्सत्त्वगुण को स्वीकार करके सम्पूर्ण भूतों का पालन-पोषण करने वाले
489भूतमहेश्वरःसम्पूर्ण प्राणियों के महान् ईश्वर
8भूतात्मासम्पूर्ण भूतों के आत्मा
29भूतादिःभूतों के आदिकारण
708भूतावासःसमस्त प्राणियों के मुख्य निवास-स्थान
630भूतिःसमस्त विभूतियों के आधारस्वरूप
502भूरिदक्षिणःश्रीरामादि अवतारों में यज्ञ करते समय बहुत सी दक्षिणा प्रदान करने वाले
942भूर्भुवःपृथ्वी के भी आधार
967भूर्भुवः स्वस्तरूः‘भूः भुवः स्वः’ तीनों लोकों वाले, संसारवृक्षस्वरूप
628भूशयःलंकागमन के लिये मार्ग की याचना करते समय समुद्रतट की भूमि पर शयन करने वाले
629भूषणःस्वेच्छा से नानाअवतार लेकर अपने चरण-चिह्नों से भूमि की शोभा बढ़ाने वाले
578भेषजम्संसार-रोग की औषधि
143भोक्तापुरुषरूप से भोक्ता
500भोक्तानिरतिशय आनन्दपुंज को भोगने वाले
888भोक्ताजगत का पालन करने वाले
142भोजनम्ज्ञानियों द्वारा भोगने योग्य अमृतस्वरूप
141भ्राजिष्णुःएकरस प्रकाशस्वस्प
63मङ्गलं परम्परम मंगलस्वरूप
168मधुःअमृत की तरह सबको प्रसन्न करने वाले
73मधुसूदनःमधुनामक दैत्य को मारने वाले
51मनुःप्रजापति मनुरूप
690मनोजवःमन की भाँति वेगवाले
461मनोहरःअपने रूप लावण्य और मधुर भाषणादि से सबके मन को हरने वाले
280मन्त्रःऋक्, साम और यजु के मन्त्रस्वरूप
189मरीचिःतेजस्वियों के भी परम तेजरूप
350महर्द्धिःमहान् विभूतिवाले
531महर्षिः कपिलाचार्यःसांख्यशास्त्र के प्रणेता भगवान कपिलाचार्य
672महाकर्माभिन्न-भिन्न अवतारों में नाना प्रकार के महान् कर्म करने वाले
787महाकर्माबड़े-बड़े कर्म करने वाले
432महाकोशःबड़े खजाने वाले
675महाक्रतुःमहान यज्ञस्वरूप
671महाक्रमःबड़े वेग से चलने वाले
353महाक्षःविशाल नेत्रों वाले
804महागर्तःमहान रथवाले
122महातपाःप्रताप (प्रभाव) रूप महान् तपवाले
673महातेजाःजिसके तेज से समस्त सूर्य आदि तेजस्वी देदीप्यमान होते हैं- ऐसे महान् तेजस्वी
491महादेवःज्ञानयोग और वेश्वर्य आदि महिमाओं से युक्त
176महाद्युतिःमहान कान्तिमान्
180महाद्रिधृक्अमृतमन्थन और गोरक्षण के समय मन्दराचल और गोवर्धन नामक महान् पर्वतों को धारण करने वाले
434महाधनःअतिशय यथार्थ धनस्वरूप
806महानिधिःसबके महान् निवास-स्थान
841महान्गुण, प्रभाव, ऐश्वर्य और ज्ञान आदि की अतिशयता के कारण परम महत्त्वसम्पन्न
172महाबलःमहान बलशाली
173महाबुद्धिःमहान बुद्धिमान
370महाभागःमहान भाग्यशाली
805महाभूतःत्रिकाल में कभी नष्ट न होने वाले महाभूतस्वरूप
433महाभोगःयथार्थ सुखरूप महान् भोगवाले
439महामखःमहान यज्ञस्वरूप
557महामनाःसंकल्पमात्र से उत्पत्ति
170महामायःमायावियों पर भी माया डालने वाले, महान् मायावी
718महामूर्तिःबड़े रूपवाले
677महायज्ञःजपयज्ञ आदि भगवत्प्राप्ति के साधन रूप समस्त यज्ञ जिनकी विभूतियाँ हैं- ऐसे महान यज्ञस्वरूप
676महायज्वालोकसंग्रह के लिये बडे़-बड़े यज्ञों का अनुष्ठान करने वाले
522महार्हःपूजनीय
538महावराहःहिरण्याक्ष का वध करने के लिये महावराहरूप धारण करने वाले
174महावीर्यःमहान पराक्रमी
175महाशक्तिःमहान सामर्थ्यवान्
303महाशनःकल्प के अन्त में सबको ग्रसन करने वाले
536महाश्रृंगःमत्स्यावतार में महान् सींग धारण करने वाले
41महास्वनःवेदरूप अत्यन्त महान् घोषवाले
678महाहविःब्रह्मरूप अग्नि में हवन किये जाने योग्य प्रपन्चरूप हवि जिनका स्वरूप है- ऐसे महान् हविःस्वरूप
803महाहृदःध्यान करने वाले जिसमें गाता लगाकर आनन्द में मग्न होते हैं,ऐसे परमानन्द के महान सरोवर
317महीधरःपृथ्वी को धारण करने वाले
369महीधरःपृथ्वी को धारण करने वाले
182महीभर्तापृथ्वी को धारण करने वाले
447महेज्यःसबसे अधिक उपासनीय
268महेन्द्रःईश्वरों के भी ईश्वर
181महेष्वासःमहान धनुषवाले
171महोत्साहःजगत् की उत्पत्ति, स्थिति और प्रलय के लिये तत्पर रहने वाले परम उत्साही
519महोदधिशयःप्रलयकाल के महान् समुद्र में शयन करने वाले
674महोरगःबड़े भारी सर्प यानि वासुकिस्वरूप
72माधवःलक्ष्मी के पति
167माधवःविद्या के स्वामी
735माधवःमधुकुल में उत्पन्न होने वाले
748मानदःदूसरों को मान देने वाले
749मान्यःसबके पूजने योग्य माननीय
365मार्गःपरमानन्दप्राप्ति के साधन-स्वरूप
397मार्गःमुमुक्षुजनों के अमर होने के साधनस्वरूप
515मुकुन्दःमुक्तिदाता
12मुक्तानां परमा गतिःमुक्त पुरुषों की सर्वश्रेष्ठ गतिस्वरूप
533मेदिनीपतिःपृथ्वी के स्वामी
753मेधजःयज्ञ में प्रकट होने वाले
77मेधावीअतिशय बुद्धिमान
445यज्ञःभगवान विष्णु
971यज्ञःयज्ञस्वरूप
977यज्ञकृत्यज्ञों के रचयिता
982यज्ञगुह्यम्यज्ञों में गुप्त निष्काम यज्ञस्वरूप
972यज्ञपतिःसमस्त यज्ञों के अधिष्ठाता
979यज्ञभुक्समस्त यज्ञों के भोक्ता
976यज्ञभृत्यज्ञों को धारण करने वाले
975यज्ञवाहनःयज्ञों को चलाने वाले
980यज्ञसाधनःब्रह्मयज्ञ, जपयज्ञ आदि बहुत से यज्ञ जिनकी प्राप्ति के साधन हैं ऐसे
974यज्ञाङ्गःसमस्त यज्ञरूप अंगों वाले, वाराहस्वरूप
981यज्ञान्तकृत्यज्ञों का फल देने वाले
978यज्ञीसमस्त यज्ञ जिसमें समाप्त होते हैं- ऐसे यज्ञशेषी
973यज्वायजमानरूप से यज्ञ करने वाले
730यत्स्वतःसिद्ध
705यदुश्रेष्ठःयदुवंशियों में सर्वश्रेष्ठ
162यमःअन्तःकरण में स्थित होकर नियमन करने वाले
300युगादिकृत्युगादि का आरम्भ करने वाले
301युगावर्तःचारों युगों को चक्र के समान घुमाने वाले
18योगःमनसहित सम्पूर्ण ज्ञानेन्द्रियों के निरोधरूप योग से प्राप्त होने वाले
19योगविदां नेतायोग को जानने वाले भक्तों के स्वामी
849योगीनित्य समाधियुक्त
850योगीशःसमस्त योगियों के स्वामी
928रक्षणःसब प्रकार से रक्षा करने वाले
684रणप्रियःयुद्ध में प्रेम करने वाले
473रत्नगर्भःरत्नों को अपने गर्भ में धारण करने वाले समुद्ररूप
793रत्ननाभःरत्न के समान सुन्दर नाभिवाले
998रथाङ्गपाणिःभीष्म की प्रतिज्ञा रखने के लिये सुदर्शन चक्र को हाथ में धारण करने वाले श्रीकृष्ण
881रविःसमस्त रसों का शोषण करने वाले सूर्य
885रविलोचनःसूर्यरूप नेत्रों वाले
394रामःयोगीजनों के रमन करने के लिये नित्यानन्दस्वरूप
945रुचिराङ्गदःपरम रुचिकर कल्याणमय बाजूबंदों को धारण करने वाले
114रुद्रःदुख के कारण को दूर भगा देने वाले
364रोहितःमत्स्यविशेष का स्वरूप धारण करके अवतार लेने वाले
943लक्ष्मीःसमस्त शोभायमान वस्तुओं की शोभास्वरूप
361लक्ष्मीवान्अपने वक्षःस्थल में लक्ष्मी जी को सदा बसाने वाले
614लोकत्रयाश्रयःतीनों लोकों के आधार
734लोकनाथःसबके द्वारा याचना किये जाने योग्य लोकस्वामी
733लोकबन्धुःसमस्त प्राणियों के हित करने वाले परम मित्र
783लोकसारङ्गःलोकों के सार को ग्रहण करने वाले
750लोकस्वामीचौदह भुवनों के स्वामी
894लोकाधिष्ठानम्समस्त लोकों के आधार
133लोकाध्यक्षःसमस्त लोकों के अधिपति
58लोहिताक्षःलाल नेत्रों वाले
470वत्सरःसबके निवास स्थान
471वत्सलःभक्तों के परम स्नेही
472वत्सीवृन्दावन में बछड़ों का पालन करने वाले
561वनमालीवैजयन्ती वनमाला धारण करने वाले
330वरदःइच्छित वर देने वाले
739वराङ्गःपरम श्रेष्ठ अंग-प्रत्यंगों वाले
121वरारोहःआरूढ़ होने के लिये परम उत्तम अपुनरावृत्तिस्थानरूप
553वरुणःजल के स्वामी वरुणदेवता
261वर्धनःभक्तों को बढ़ाने वाले
262वर्धमानःसंसाररूप से बढ़ने वाले
846वंशवर्धनःजगत्-प्रपंचरूप वंश को ओर यादव वंश को बढ़ाने वाले
3वषट्कारःजिनके उद्देश्य से यज्ञ में वषट क्रिया की जाती है, ऐसे यज्ञस्वरूप
104वसुःसब भूतों के वासस्थान
270वसुःधनरूप
696वसुःसबके अन्तःकरण में निवास करने वाले
269वसुदःधन देने वाले
693वसुप्रदःप्रचुर धन प्रदान करने वालजे
694वसुप्रदःअपने भक्तों को मोक्षरूप महान धन देने वाले
105वसुमनाःउदार मनवाले
697वसुमनाःसमानभाव से सब में निवास करने की शक्ति से युक्त मनवाले
692वसुरेताःहिरण्यमय पुरुष (प्रथम पुरुषसृष्टि का बीज) जिनका वीर्य है- ऐसे सुवर्णवीर्य
233वह्निःहवि को वहन करने वाले अग्निदेव
267वाग्मीवेदमयी वाणी को उत्पन्न करने वाले
573वाचस्पतिरयोनिजःविद्या के स्वामी तथा बिना योनि के स्वयं ही प्रकट होने वाले
217वाचस्पतिरूदारधीःसारे पदार्थों को प्रत्यक्ष करने वाली बुद्धि से युक्त समस्त विद्याओं के पति
796वाजसनःयाचकों को अन्न प्रदान करने वाले
152वामनःवामनरूप से अवतार लेने वाले
414वायुःपवनरूप
331वायुवाहनःसारे वायुभेदों को चलाने वाले
856वायुवाहनःवायु को गमन करने के लिये शक्ति देने वाले
554वारूणःवरुण के पुत्र वशिष्ठस्वरूप
322वासवानुजःवामनावतार में इन्द्र के अनुजरूप में उत्पन्न होने वाले
332वासुदेवःसब भूतों में सर्वात्मारूप से बसने वाले
695वासुदेवःवसुदेव पुत्र श्रीकृष्ण
709वासुदेवःअपनी माया से जगत को आच्छादित करने वाले परमदेव
381विकर्ताविचित्र भुवनों की रचना करने वाले
78विक्रमःगरुड़ पक्षी द्वारा गमन करने वाले
75विक्रमीशूरवीरता से युक्त
909विक्रमीसबसे विलक्षण पराक्रमशील
363विक्षरःनाशरहित
147विजयःज्ञान, वैराग्य और ऐश्वर्य आदि गुणों में सबसे बढ़कर
620विजितात्माजिते हुए मनवाले
464विदारणःअधर्मियों को नष्ट करने वाले
938विदिशःअधिकारियों को उनके कर्मानुसार विभागपूर्वक नाना प्रकार के फल देने वाले
920विद्वत्तमःविद्वानों में सर्वश्रेष्ठ परम विद्वान
44विधाताकर्म और उसके फलों की रचना करने वाले
484विधातासबको अच्छी प्रकार धारण करने वाले
508विनयःदुष्टों को दण्ड देने वाले
514विनयितासाक्षीअपने शरणापन्न भक्तों के विनय- भाव को तत्काल प्रत्यक्ष अनुभव करने वाले
240विभुःसर्वव्यापी
880विभुःसर्वव्यापी
452विमुक्तात्मासांसारिक बन्धन से नित्यमुक्त आत्मस्वरूप
396विरजःरजोगुण तथा तमोगुण से सर्वथा शून्य
395विरामःप्रलय के समय प्राणियों को अपने में विराम देने वाले
882विरोचनःविविध प्रकार से प्रकाश फैलाने वाले
263विविक्तःसंसार से पृथक् रहने वाले
249विशिष्टःसबसे उत्कृष्ट
636विशुद्धात्मापरम शुद्ध निर्मल आत्मस्वरूप
631विशोकःसब प्रकार से शोकरहित
637विशोधनःस्मरणमात्र से समस्त पापों का नाश करके भक्तों के अन्तःकरण को परम शुद्ध कर देने वाले
424विश्रामःविश्राम की इच्छा वाले मुमुक्षुओं को मोक्ष देने वाले
207विश्रुतात्मावेदशास्त्रों में प्रसिद्ध स्वरूपवाले
50विश्वकर्मासारे जगत की रचना करने वाले
425विश्वदक्षिणःबलि के यज्ञ में समस्त विश्व को दक्षिणारूप में प्राप्त करने वाले
238विश्वधृक्जगत को धारण करने वाले
316विश्वबाहुःसब ओर बाहुओं वाले
239विश्वभुक्विश्व का पालन करने वाले
717विश्वमूर्तिःसमस्त विश्व ही जिनकी मूर्ति है- ऐसे विराट्स्वरूप
1विश्वम्विराटस्वरूप
117विश्वयोनिःविश्व को उत्पन्न करने वाले
149विश्वयोनिःसबके कारणरूप
88विश्वरेताःविश्व के कारण
225विश्वात्माविश्व के आत्मा
742विषमःजिनके समान दूसरा कोई नहीं- ऐसे अनुपम
2विष्णुःसर्वव्यापी
258विष्णुःशुद्ध सत्त्वमूर्ति
657विष्णुःशेषशायी भगवान विष्णु
125विष्वक्सेनःयुद्ध के लिये की हुई तैयारी मात्र से ही दैत्यसेना को तितर-बितर कर डालने वाले
426विस्तारःसमस्त लोकों के विस्तार के स्थान
876विहायसगतिःआकाश में गमन करने वाले
921वीतभयःसब प्रकार के भय से रहित
401वीरःपराक्रमशाली
643वीरःपरम शूरवीर
658वीरःबिना ही पैरों के गमन करने की दिव्य शक्ति से युक्त
463वीरबाहुःअत्यन्त पराक्रमशील भुजाओं से युक्त
166वीरहाधर्म की रक्षा के लिये असुर योद्धाओं को मार डालने वाले
741वीरहाशूरवीर असुरों का नाश करने वाले
927वीरहाशरणागतों की विविध गतियों का यानि संसार-चक्र का नाश करने वाले
555वृक्षःअश्वत्थवृक्षरूप
352वृद्धात्मापुरातन स्वरूप
313वृषःकामनाओं को पूर्ण करने वाले धर्मस्वरूप
112वृषकर्माधर्ममय कर्म करने वाले
259वृषपर्वापरमधाम में आरूढ़ होने की इच्छा वालों के लिये धर्मरूप सीढि़यों वाले
595वृषप्रियःधर्म से प्यार करने वाले
257वृषभःभक्तों के लिये इच्छित वस्तुओं की वर्षा करने वाले
594वृषभाक्षःसमस्त कामनाओं की वर्षा कने वाली कृपादृष्टि से युक्त
101वृषाकपिःधर्म और वराहरूप
113वृषाकृतिःधर्म की स्थापना करने के लिये विग्रह धारण करने वाले
256वृषाहीद्वादशाहादि यज्ञों को अपने में स्थित रखने वाले
260वृषोदरःअपने उदर में धर्म को धारण करने वाले
371वेगवान्तीव्रगति वाले
127वेदःवेदरूप
128वेदवित्वेद तथा वेद के अर्थ को यथावत् जानने वाले
131वेदवित्वेदों को विचारने वाले
130वेदाङ्गःवेदरूप अंगों वाले
163वेद्यःकल्याण की इच्छा वालों के द्वारा जानने योग्य
547वेधाःसब कुछ विधान करने वाले
405वैकुण्ठःपरमधामस्वरूप
987वैखानःपातालवासी हिरण्याक्ष का वध करने के लिये पृथ्वी को खोदने वाले, वाराह-अवतारधारी
164वैद्यःसब विद्याओं के जानने वाले
762व्यग्रःअपने भक्तों को अभीष्ट फल देने में लगे हुए
384व्यवसायःज्ञानस्वरूप
385व्यवस्थानःलोकपालादिकों को, समस्त जीवों को, चारों वर्णाश्रमों को एवं उनके धर्मों को व्यवस्थापूर्वक रचने वाले
939व्यादिशःसबको यथायोग्य विविध आज्ञा देने वाले
467व्यापीआकाश की भाँति सर्वव्यापी
413व्याप्तःकारणरूप से सब कार्यों में व्याप्त
92व्यालःशेषनागस्वरूप
402शक्तिमतां श्रेष्ठःशक्तिमानों में भी अतिशय शक्तिमान्
993शङ्खभृत्पाञ्चजन्य शंख को धारण करने वाले
723शतमूर्तिःसैकड़ों मूर्तियों वाले
724शताननःसैकड़ों मुखों वाले
617शतानन्दःलीलाभेद से सैकड़ों विभागों में विभक्त आनन्दस्वरूप
343शतावर्तःधर्मरक्षा के लिये सैकड़ों अवतार लेने वाले
412शत्रुघ्नःदेवताओं के शत्रुओं को मारने वाले
820शत्रुजित्देवता और सत्पुरुषों के शत्रुओं को जीतने वाले
821शत्रुतापनःदेव-शत्रुओं को तपाने वाले
912शब्दसहःकठोर शब्दों को सहने करने वाले
911शब्दातिगःशब्द की जहाँ पहुँच नहीं, ऐसे वाणी के अविषय
581शमःउपशमता का उपदेश देने वाले
38शम्भुःभक्तों के लिये सुख उत्पन्न करने वाले
86शरणम्दीन-दुखियों के परम आश्रय
356शरभःशरीरों को प्रत्यगात्मरूप से प्रकाशित करने वाले
499शरीरभूतभृत्शरीर के उत्पादक पन्चभूतों का प्राणरूप से पालन करने वाले
349शरीरभृत्अन्नरूप से सबके शरीरों का भरण करने वाले
87शर्मपरमानन्दस्वरूप
26शर्वःसारी प्रजा का प्रलयकाल में संहार करने वाले
914शर्वरीकरःज्ञानियों की रात्रि संसार और अज्ञानियों की रात्रि ज्ञान- इन दोनों को उत्पन्न करने वाले
285शशबिन्दुःखरगोश के समान चिह्नवाले चन्द्रस्वरूप
582शान्तःपरम शान्तस्वरूप
584शान्तिःपरम शान्तिस्वरूप
587शान्तिदःपरम शान्ति देने वाले
996शार्ङ्गधन्वाशार्गंधनुषधारी
56शाश्वतःसब काल में स्थित रहने वाले
120शाश्वतस्थाणुःनित्य सदा एकरस रहने वाले एवं स्थिर
627शाश्वतस्थिरःसदा एकरस स्थिर रहने वाले, निर्विकार
206शास्तासब पर शासन करने वाले
311शिखण्डीमयूरपिच्छ को अपना शिरोभूषण बना लेने वाले
273शिपिविष्टःसूर्यकिरणों में स्थित रहने वाले
27शिवःतीनों गुणों से परे कल्याणस्वरूप
600शिवःस्मरणमात्र से पवित्र करने वाले कल्याणस्वरूप
913शिशिरःत्रितापपीड़ितों को शान्ति देने वाले शीतलमूर्ति
250शिष्टकृत्श्रेष्ठ बनाने वाले
310शिष्टेष्टःशिष्ट पुरुषों के इष्टदेव
155शुचिःस्मरण, स्तुति और पूजन करने वालों को पवित्र कर देने वाले
251शुचिःपरम शुद्ध
118शुचिश्रवाःपवित्र कीर्तिवाले
586शुभाङ्गःअति मनोहर परम सुन्दर अंगों वाले
782शुभाङ्गःकल्याणकारक सुन्दर अंगों वाले
393शुभेक्षणःदर्शनमात्र से कल्याण करने वाले
743शून्यःसमस्त विशेषणों से रहित
339शूरःपराक्रमी
645शूरजनेश्वरःअतिशय शूरवीरता के कारण इन्द्रादि शूरवीरों के भी इष्ट
704शूरसेनःहनुमानादि श्रेष्ठ शूरवीर योद्धाओं से युक्त सेनावाले
632शोकनाशनःस्मृतिमात्र से भक्तों के शोक का समूल नाश करने वाले
340शौरिःशूरवीर श्रीवसुदेवजी के पुत्र
644शौरिःशूरकुल में उत्पन्न होने वाले श्रीकृष्णस्वरूप
853श्रमणःदुष्टों को संतप्त करने वाले
611श्रीकरःस्मरण, स्तवन और अर्चन आदि करने वाले भक्तों के लिये श्री का विस्तार करने वाले
376श्रीगर्भःसम्पूर्ण ऐश्वर्य को अपने उदर में रखने वाले
605श्रीदःभक्तों को श्री प्रदान करने वाले
610श्रीधरःजगज्जननी श्रीको वक्षःस्थल में धारण करने वाले
608श्रीनिधिःसमस्त श्रियों के आधार
183श्रीनिवासःअपने वक्षःस्थल में श्री को निवास देने वाले
607श्रीनिवासःश्रीलक्ष्मी जी के अन्तःकरण में नित्य निवास करने वाले
603श्रीपतिःपरमशक्तिरूपा श्रीलक्ष्मी जी के स्वामी
604श्रीमतां वरःसब प्रकार की सम्पत्ति और ऐश्वर्य से युक्त ब्रह्मादि समस्त लोकपालों से श्रेष्ठ
178श्रीमान्ऐश्वर्यवान
220श्रीमान्सबसे बढ़ी-चढ़ी कान्तिवाले
613श्रीमान्सब प्रकार की श्रियों से युक्त
22श्रीमान्वक्षःस्थल में सदा श्री को धारण करने वाले
601श्रीवत्सवक्षाःश्रीवत्स नामक चिह्न को वक्षःस्थल में धारण करने वाले
602श्रीवासःश्रीलक्ष्मी जी के वासस्थान
609श्रीविभावनःसब मनुष्यों के लिये उनके कर्मानुसार नाना प्रकार के ऐश्वर्य प्रदान करने वाले
606श्रीशःलक्ष्मी के नाथ
264श्रुतिसागरःवेदरूप जल के समुद्र
797श्रृंगीप्रलयकाल में सींगयुक्त मत्स्यविशेष का रूप धारण करने वाले
612श्रेयःकल्याणस्वरूप
68श्रेष्ठःसबमें उत्कृष्ट होने से परम श्रेष्ठ
552संकर्षणोऽच्युतःप्रलयकाल में एक साथ सबका संहार करने वाले और जिनका कभी किसी भी कारण से पतन न हो सके- ऐसे अविनाशी
598संक्षेप्ताविस्तृत जगत् को संहारकाल में संक्षिप्त यानि सूक्ष्म करने वाले
158संग्रहःप्रलय के समय सबको समेट लेने वाले
184सतां गतिःसत्पुरुषों के परम आश्रय
450सतां गतिःसत्पुरुषों की परम गति
478सत्सत्यस्वरूप
241सत्कर्ताभक्तों का सत्कार करने वाले
622सत्कीर्तिःसच्ची कीर्तिवाले
242सत्कृतःपूजितों से भी पूजित
700सत्कृतिःजगत् की रक्षा आदि सत्कार्य करने वाले
701सत्तासदा-सर्वदा विद्यमान सत्तास्वरूप
867सत्त्ववान्बल, वीर्य, सामर्थ्य आदि समस्त तत्त्वों से सम्पन्न
487सत्त्वस्थःअन्तर्यामीरूप से समस्त प्राणियों के अन्तःकरण में स्थित रहने वाले
955सत्पथाचारःसत्पुरुषों के मार्ग का आचरण करने वाले मर्यादापुरुषोत्तम
703सत्परायणःसत्पुरुषों के परम प्रापणीय स्थान
106सत्यःसत्यस्वरूप
212सत्यःसत्यस्वरूप
869सत्यःसत्यभाषणस्वरूप
289सत्यधर्मपराक्रमःसत्यस्वरूप धर्म और पराक्रमवाले
870सत्यधर्मपरायणःयथार्थ भाषण और धर्म के परम आधार
529सत्यधर्माधर्मज्ञानादि सब गुणों से युक्त
213सत्यपराक्रमःअमोघ पराक्रम वाले
755सत्यमेधाःसच्ची और श्रेष्ठ बुद्धिवाले
510सत्यसंधःसच्ची प्रतिज्ञा करने वाले
449सत्रम्सत्पुरुषों की रक्षा करने वाले
893सदामर्षीसत्पुरुषों पर क्षमा करने वाले
165सदायोगीसदा योग में स्थित रहने वाले
699सद्गतिःसत्पुरुषों द्वारा प्राप्त किये जाने योग्य गतिस्वरूप
702सद्भूतिःबहुत प्रकार से बहुत रूपों में भासित होने वाले
201संधाताप्राणियों को उनके कर्मों के फलों के संयुक्त करने वाले
897सनातनतमःसबके कारण होने से ब्रह्मादि पुरुषों की अपेक्षा भी परम पुराणपुरुष
896सनात्अनन्तकालस्वरूप
929सन्तःविद्या, विनय और धर्म आदि का प्रचार करने के लिये संतों के रूप में प्रकट होने वाले
202सन्धिमान्सम्पूर्ण यज्ञ और तपों के फलों को भोगने वाले
706सन्निवासःसत्पुरुषों के आश्रय
580संन्यासकृत्मोक्ष के लिये संन्यासाश्रम और संन्यास योग का निर्माण करने वाले
827सप्तजिह्वःकाली, कराली, मनोजवा, सुलोहिता, धूम्रवर्णा, स्फुलिंगिनी और विश्वरुचि- इन सात जिह्वाओं वाले अग्निस्वरूप
829सप्तवाहनःसात घोड़ों वाले सूर्यरूप
828सप्तैधाःसात दीप्तिवाले अग्निस्वरूप
109समःसब समय समस्त विकाकरों से रहित
358समयज्ञःसमभावरूप यज्ञ से सम्पन्न
107समात्मासम्पूर्ण प्राणियों में एक आत्मारूप से विराजने वाले
773समावर्तःसंसारचक्र को भली-भाँति घुमाने वाले
362समितिञ्जयःसंग्रामविजयी
223समीरणःश्वासरूप से प्राणियों से चेष्ठा कराने वाले
444समीहनःसृष्टि आदि के लिये भलीभाँति चेष्टा करने वाले
231सम्प्रमर्दनःअपने रुद्र आदि स्वरूप से सबका मर्दन करने वाले
31सम्भवःअपनी इच्छा से भली प्रकार प्रकट होने वाले
159सर्गःसृष्टि के कारणरूप
25सर्वःसर्वरूप
625सर्व तश्चक्षुःसमस्त वस्तुओं को सब दिशाओं में सदा-सर्वदा देखने की शक्तिवाले
851सर्वकामदःसमस्त कामनाओं को पूर्ण करने वाले
123सर्वगःकारणरूप से सर्वत्र व्याप्त रहने वाले
453सर्वज्ञःसबको जानने वाले
815सर्वज्ञःसदा सर्वदा सब कुछ जानने वाले
816सर्वतोमुखःसब ओर मुखवाले यानि जहाँ कहीं भी उनके भक्त भक्तिपूर्वक पत्र-पुष्पादि जो कुछ भी अर्पण करें
94सर्वदर्शनःसबके दृष्टा
451सर्वदर्शीसमस्त प्राणियों को और उनके कार्यों को देखने वाले
199सर्वदृक्सब कुछ देखने वाले
572सर्वदृग् व्यासःसबके दृष्टा एवं वेद का विभाग करने वाले श्रीकृष्णद्वैपायन व्यासस्वरूप
1000सर्वप्रहरणायुधःज्ञात और अज्ञात जितने भी युद्धादि में काम आने वाले अस्त्र-शस्त्र हैं
103सर्वयोगविनिः सृतःनाना प्रकार के शास्त्रोक्त साधनों से जानने में आने वाले
360सर्वलक्षणलक्षण्यःसमस्त लक्षणों से लक्षित होने वाले
802सर्ववागीश्वरेवरःसमस्त वाणीपतियों के यानि ब्रह्मादि के भी स्वामी
799सर्वविज्जयीसब कुछ जानने वाले और सबको जीतने वाले
124सर्वविद्भानुःसब कुछ जानने वाले प्रकाशरूप
759सर्वशस्त्रभृतां वरःसमस्त शस्त्रधारियों में श्रेष्ठ
863सर्वसहःसब कुछ सहन करने की सामर्थ्य से युक्त, अतिशय तितिक्षु
99सर्वादिःसब भूतों के आदि कारण
710सर्वासुनिलयःसमस्त प्राणियों के आधार
96सर्वेश्वरःसमस्त ईश्वरों के भी ईश्वर
727सवःजिनमें सोमनाम की ओषधि का रस निकाला जाता है- ऐसे यज्ञ स्वरूप
91संवत्सरःकालरूप से स्थित
422संवत्सरःसम्पूर्ण भूतों के वासस्थान
884सवितासमस्त जगत् को उत्पन्न करने वाले
969सवितासबको उत्पन्न करने वाले
230संवृतःअपनी योगमाया से ढके हुए
386संस्थानःप्रलय के सम्यक् स्थान
368सहःभक्तजनों के अपराधों को सहन करने वाले
306सहस्रजित्युद्ध में हजारों देवशत्रुओं को जीतने वाले
227सहस्रपात्हजार पैरों वाले
224सहस्रमूर्धाहजार सिर वाले
226सहस्राक्षःहजार आँखों वाले
826सहस्रार्चिःअनन्त किरणों वाले सूर्यरूप
483सहस्रांशुःहजारों किरणों वाले सूर्यस्वरूप
144सहिष्णुःसहनशील
565सहिष्णुःसमस्त द्वन्द्वों को सहन करने में समर्थ
15साक्षीबिना किसी व्यवधान के सब कुछ देखने वाले
868सात्त्विकःसत्त्वगुणप्रधानविग्रह
512सात्वतां पतिःयादवों के और अपने भक्तों के स्वामी
243साधुःभक्तों के कार्य साधने वाले
576सामसामवेदस्वरूप
575सामगःसामवेद का गान करने वाले
988सामगायनःसामदेव का गान करने वाले
97सिद्धःनित्यसिद्ध
819सिद्धःस्वभाव से ही समस्त सिद्धियों से युक्त
253सिद्धसंकल्पःसत्य-संकल्पवाले
252सिद्धार्थःइच्छित अर्थ को सर्वथा सिद्ध कर चुकने वाले
98सिद्धिःसबके फलस्वरूप
254सिद्धिदःकर्म करने वालों को उनके अधिकार के अनुसार फल देने वाले
255सिद्धिसाधनःसिद्धिरूप क्रिया के साधक
200सिंहःदुष्टों का विनाश करने वाले
488सिंहःभक्त प्रहलाद के लिये नृसिंहरूप धारण करने वाले
459सुखदःअपने भक्तों को सब प्रकार से सुख देने वाले
889सुखदःभक्तों को दर्शनरूप परम सुख देने वाले
458सुघोषःसुन्दर और गम्भीर वाणी बोलने वाले
784सुतन्तुःसुन्दर विस्तृत जगत् रूप तन्तुवाले
195सुतपाःबदरिकाश्रम में नर-नारायण रूप से सुन्दर तप करने वाले
417सुदर्शनःभक्तों को सुगमता से ही दर्शन दे देने वाले
567सुधन्वाअतिशय सुन्दर शार्ङ्ग धनुष धारण करने वाले
792सुन्दःपरम करुणाशील
791सुन्दरःपरम सुन्दर
192सुपर्णःसुन्दर पंखवाले गरुड़स्वरूप
855सुपर्णःवेदरूप सुन्दर पत्तों वाले (संसारवृक्षस्वरूप)
236सुप्रसादःशिशुपालादि अपराधियों पर भी कृपा करने वाले
265सुभुजःजगत की रक्षा करने वाली अति सुन्दर भुजाओं वाले
456सुमुखःसुन्दर और प्रसन्न मुखवाले
752सुमेधाःअति उत्तम सुन्दर बुद्धिवाले
707सुयामुनःजिनके परिकर यमुना-तट निवासी गोपालबाल आदि अति सुन्दर हैं
134सुराध्यक्षःदेवताओं के अध्यक्ष
186सुरानन्दःदेवताओं को आनन्दित करने वाले
208सुरारिहादेवताओं के शत्रुओं को मारने वाले
878सुरुचिःसुन्दर रुचि और कान्तिवाले
85सुरेशःदेवताओं के स्वामी
286सुरेश्वरःदेवताओं के ईश्वर
817सुलभःनित्य-निरन्तर चिन्तन करने वाले को और एकनिष्ठ श्रद्धालु भक्त को बिना ही परिश्रम के सुगमता से प्राप्त होने वाले
794सुलोचनःसुन्दर नेत्रों वाले
800सुवर्णबिन्दुःसुन्दर अक्षर और बिन्दु से युक्त ओंकारस्वरूप
737सुवर्णवर्णःसोने के समान पीतवर्ण वाले
944सुवीरःउत्तम योद्धा
455सुव्रतःप्रणतपालनादि श्रेष्ठ व्रतों वाले
818सुव्रतःसुन्दर भोजन करने वाले यानि अपने भक्तों द्वारा प्रेमपूर्वक अर्पण किये हुए पत्र-पुष्पादि मामूली भोजन को भी परम श्रेष्ठ मानकर खाने वाले
540सुषेणःपार्षदों के समुदायरूप सुन्दर सेना से सुसज्जित
460सुहृत्प्राणिमात्र पर अहैतु की दवा करने वाले परम मित्र
457सूक्ष्मःअणु से भी अणु
883सूर्यःशोभा को प्रकट करने वाले
505सोमःओषधियेां का पोषण करने वाले चन्द्रमारूप
503सोमपःयज्ञों में देवरूप से और यजमानरूप से सोमरस का पान करने वाले
327स्कन्दःस्वामिकार्तिकेयरूप
328स्कन्दधरःधर्मपथ को धारण करने वाले
680स्तवप्रियःस्तुति से प्रसन्न होने वाले
679स्तव्यःसबके द्वारा स्तुति किये जाने योग्य
682स्तुतिःस्तवनक्रियास्वरूप
683स्तोतास्तुति करने वाले
681स्तोत्रम्जिनके द्वारा भगवान के गुण-प्रभाव का कीर्तन किया जाता है, वह स्तोत्र
216स्त्रग्वीवैजयन्तीमाला धारण करने वाले
54स्थविरो ध्रुवःअति प्राचीन एवं अत्यन्त स्थिर
53स्थविष्ठःअत्यन्त स्थूल
436स्थविष्ठःविराट रूप से स्थित
28स्थाणुःस्थिर
387स्थानदःध्रुवादि भक्तों को स्थान देने वाले
427स्थावरस्थाणुःस्वयं स्थितिशील रहकर पृथ्वी आदि, स्थितिशील पदार्थों को अपने में स्थित रखने वाले
203स्थिरःसदा एक रूप
838स्थूलःअत्यन्त मोटे और भारी
279स्पष्टाक्षरःओंकाररूप स्पष्ट अक्षरवाले
588स्रष्टासर्ग के आदि में सबकी रचना करने वाले
990स्रष्टासमस्त लोकों के रचयिता
615स्वक्षःमनोहर, कृपाकटाक्ष से युक्त परम सुन्दर आँखों वाले
616स्वङ्गःअतिशय कोमल, परम सुन्दर, मनोहर अंगों वाले
843स्वधृतःअपने-आपसे धारित यानि अपनी ही महिमा में स्थित
986स्वयंजातःस्वयं अपने-आप स्वेच्छापूर्वक प्रकट होने वाले
37स्वयम्भूःस्वयं उत्पन्न होने वाले
466स्ववशःस्वतन्त्र
903स्वस्तिकल्याणस्वरूप
902स्वस्तिकृत्आश्रितजनों का कल्याण करने वाले
901स्वस्तिदःपरमानन्दरूप मंगल देने वाले
905स्वस्तिदक्षिणःकल्याण करने में समर्थ और शीघ्र कल्याण करने वाले
904स्वस्तिभुक्भक्तों के परम कल्याण की रक्षा करने वाले
548स्वाङ्गःकार्य करने में स्वयं ही सहकारी
465स्वापनःप्रलयकाल में समस्त प्राणियों को अज्ञाननिद्रा में शयन कराने वाले
523स्वाभाव्यःनित्य सिद्ध होने के कारण स्वभाव से ही उत्पन्न न होने वाले
844स्वास्यःसुन्दर मुखवाले
650हरिःस्मरणमात्र से समस्त पापों का हरण करने वाले
562हलायुधःहलरूप शस्त्र को धारण करने वाले बलभद्रस्वरूप
698हवःयज्ञ में हवन किये जाने योग्य हविःस्वरूप
359हविर्हरिःयज्ञों में हविर्भाग को और अपना स्मरण करने वालों के पापों को हरण करने वाले
191हंसःपितामह ब्रह्मा को वेद का ज्ञान कराने के लिये हंसरूप धारण करने वाले
70हिरण्यगर्भःब्रह्माण्डरूप हिरण्यमय अण्ड के भीतर ब्रह्मारूप से व्याप्त होने वाले
411हिरण्यगर्भःब्रह्मारूप से प्रकट होने वाले
194हिरण्यनाभःसुवर्ण के समान रमणीय नाभिवाले
879हुतभुक्यज्ञ में हवन की हुई समस्त हवि को अग्निरूप से भक्षण करने वाले
887हुतभुक्यज्ञ में हवन की हुई सामग्री को उन-उन देवताओं के रूप में भक्षण करने वाले
47हृषीकेशःइन्द्रियों के स्वामी
366हेतुःसंसार के निमित्त और उपादानकारण
738हेमाङ्गःसोने के समान चमकीले अंगों वाले

Śiva Sahasranāma - Full list


क्रमनामअर्थ
321अकरःकर्तृत्वके अभिमानसे रहित
759अक्षः रथयोगीरथसे सम्बन्ध रखनेवाला धुरीस्वरूप
412अक्षरम्अविनाशी ब्रहा
244अगमःजानने में आने वाला
434अग्निज्वालःअग्निकी ज्वालाके समान तेजवाले
966अग्रवरःयज्ञ में सबसे प्रथम भाग लेने के अधिकारी
444अङ्गलुब्धःअपने श्रीअंगके सौन्दर्यपर स्वयं ही लुभाये रहनेवाले
795अचलोपमःपर्वत के समान अवचिल
951अचिन्तयःअचिन्त्यस्वरूप
997अचिन्त्यःचितकी पहुँचसे परे
133अजःअजन्मा
195अजितःअपराजित
496अजितःकिसीसे पराजित न होने वाले
613अजितःकिसीके द्वारा पराजित न होने वाले
610अजैकपाद्ग्यारह रुद्रों में से एक
183अतन्द्रितःआलस्यरहित[
328अतिदीप्तःअत्यन्त तेजस्वी
436अतिधूम्रःकालग्निरूपसे सबके दाहकालमें अत्यन्त धूम्र वर्णवाले
741अतिवृद्धःसबसे पुरातन होनेके कारण अतिवृद्ध
274अतुल्यःतुलनारहित
70अत्रिःअत्रि ऋषिस्वरूप
71अत्र्या नमस्कर्ताअत्रिपत्नी अनसूया को दुर्वासारूप से नमस्कार करने वाले
505अथर्वशीर्षःअथर्ववेद जिनका मस्तक है वे
403अदम्भःदम्भरहित
568अदितिःदेवमाता अदितिस्वरूप
76अदीनःउदार
601अधनःसांसारिक धनसे रहित
184अधर्षणःअजेय
780अधिरोहःपरम पदपर आरूढ़
396अध्यायत्मनुगतःअध्यात्म शास्त्र का अनुसरण करने वाले
73अनघःपापरहित
863अनन्तरूपःअनन्त रूपवाले
500अनलःअग्निस्वरूप
589अनलःअग्निस्वरूप
642अनलःअग्निदेव
584अनिन्दितःनिन्दारहित
693अनिन्दितःनिन्दारहित
92अनिमिषःकभी पलक न गिराने वाले
588अनिलःवायुस्वरूप
641अनिलःवायुदेव
607अनिलाभःवायुके समान वेगवान्
417अनीतिःसाम,दाम,दण्ड़,भेदसे रहित
574अनुकारीभक्तोंका अनुकरण करने वाले
411अनौषधःअन्न आदि ओषधियोंके सेवनसे रहित
476अन्तरात्मासबके अन्तरात्मा
47अन्तर्हितात्माअदृश्य स्वरूप वाले
566अपरःअर्वाचीन
726अप्सरोगणसेवितःअप्सराओंके समुदायसे सेवित
98अबलो गणःनिर्बल समुदायरूप
514अभिगम्यःसुगमतासे प्राप्त होनेयोग्य
985अभिरामःआनन्ददायक
32अभिवाद्यःनमस्कार के योग्य
280अमरःअविनाशी
959अमरःनाशरहितः-नाशरहित
602अमरेशःदेवताओंके भी ईश्वर
168अमितःअनन्त
425अमित्रजित्बाहर-भीतरके शत्रुओंके जीतनेवाले
249अमुखःबिना मुख वाला
295अमुख्यःजिससे बढ़कर मुख्य दूसरा कोई न हो वह
776अमृतःअमृतस्व्रूप
898अमृतो गोवृषेश्वरःनिष्काम धर्म के स्वामी
698अमोघःकभी असफल न होने वाले
512अमोघार्थःकिसी वस्तुके लिये याचना करनेपर उसे अवश्य सफल होने वाले
559अम्बुजालःजलसमूह-सागररूप
283अयज्ञःकर्मरहित
194अर्थःअर्थस्वरूप
334अर्थकरःधनआदि देनेवाले
31अर्दनःपापियों को पीड़ा देने वाले
628अर्यमाबारह आदित्योंमें एक आदित्य अर्यमारूप
545अलोकःलोकातीत
674अलोलःअचंचल
791अवधःमृत्युरहित
196अवरःजिनसे श्रेष्ठ दूसरा कोई नहीं है वे भगवान शिव
307अवशःजिनके उपर किसी का वश नहीं चलता वे
923अव्यक्तम्निराकाररूप
349अव्ययःअविनाशी
974अव्ययःविनाशरहित
111अशनीपांचवें हाथ में वज्र धारण करने वाले
310अंशुःकिरणस्वरूप
700अश्वउच्चैःश्रवा आदि उत्तवम अश्वरूप
333अश्वत्थःसंसार-वृक्षरूप
658असत्असत्स्वरूप
921असत्असत्त्वरूप
763असमाम्नायःवेदभिन्न, स्मृति, इतिहास, पुराण और आगमरूप
267असुरेन्द्राणां बन्धनःबलि आदि असुरपतियों को बांध लेने वाले
495अस्नेहनःआसक्तिसे रहित
146अहश्चरःदिन में विचरने वाले
606अहिर्बुध्न्यःशेषनागस्वरूप
692अहोरात्रम्दिन-रात्रिस्वरूप
305आकाशनिर्विरूपःआकाशकी भाँति जिनसे नाना प्रकारके रूप प्रकट होते हैं वे
323आत्मनिरालोकःदेह आदिकी उपाधिसे अलग होकर आलोचना करने वाले
953आत्मसम्भवःस्वयम्भू
56आदिःसबसे प्रथम
57आदिकरःआदि पुरुष हिरण्य गर्भ की सृष्टि करने वाले
311आदित्यःअदितिपुत्र
900आदित्यो वसुःअदितिकुमार वसु
732आदेशःआज्ञा प्रदान करने वाले
528आद्यःसबके आदि कारण
919आद्यो निर्गमःसबसे पहले प्रकट होने वाले
564आयुःजीवनरूप
115आयुधीनवें हाथ में अपने सामान्य आयुध त्रिशुल को लिये रहने वाले
779आरोहणःपरम पदपर आरूढ़ होने के द्वारस्वरूप
156आर्द्रचर्माम्बरावृतःगजासुर के गीले चर्म को ही वस्त्र बनाकर उससे अपने-आपको आच्छादित करने वाले
754आवर्तमानेभ्यो वपुःस्वर्गलोक से लौटने वाले नूतन शरीर देने वाले
731आवेदनीयःप्रार्थना करनेयोग्य
553आश्रमस्थःचारों आश्रमोंमें धर्मस्वरूपसे स्थित रहनेवाले
749आषाढ़ःभक्तोंको सब कुछ सहन करनेकी शक्ति देनेवाले
398इतिहासःमहाभारत आदि इतिहासस्वरूप
647दयास्वरूप
960ईड्यःस्तुति के योग्य
368ईशानःनियन्ता
369ईश्वरःसबके शासक
580उग्रःप्रलयकालमें भयंकर रूप धारण करने वाले
222उग्रतेजाःभयंकर तेज वाले
452उत्सङ्गःसंगरहित
123उदग्रःओजस्वी
954उद्भित्वृक्षादिस्वरूप
36उन्मत्तवेषप्रच्छन्नःउन्मत वेश में छिपे रहने वाले
330उन्मादःप्रेममें उन्मत
516उपकारःउपकार करने वाले
320उपदेशकरःजिज्ञासुओंको तत्त्वका और काशीमें मरे हुए जीवोंको तारकमन्त्रका उपदेश करने वाले
644उपशान्तःशान्तस्वरूप
878उमाकान्तःपार्वती के प्राण-प्रियतम
880उमाधवःपार्वतीपति[
94उमापतिःगिरिराजकुमारी उमा के पतिदेव
877उमापतिःउमा-ब्रहाविद्याके स्वामी
866उर्ध्वगात्मादेश-काल-वस्तुकृत उपाधिसे अतीत स्वरूपवाले
137उर्ध्वरेताःअखण्डिता ब्रहाचर्य वाले
578उर्ध्वरेताःअस्खलितवीर्य
138उर्ध्वलिङ्गः
139उर्ध्वशायीआकाश में शयन करने वाले
823उर्ध्वसंहननःसुदृढ़ शरीरवाले
631उशङ्गुःसर्वदाहक किरणों वाले सूर्यरूप
121उष्णीषीसिर पर साफा धारण करने वाले
507ऋक्सहस्रामितेक्षणःसहस्रों ऋचाएं जिनके नेत्र हैं
905ऋतुःऋतुरूप
836ककुभःसम्पूर्ण दिशास्वरूप
519कनकःसुवर्णस्वरूप
849कनिष्ठःअदिति के पुत्रोंमें छोटे, वामनरूपधारी विष्णु
136कपर्दीजटाजूटधारी
110कपालवान्चौथे हाथ में कपालधारी
561कपिलःकपिल वर्ण
562कपिषःपीले वर्णवाले
107कमण्डलुधरःएक हाथ में कमण्डलु धारण करने वाले
433करःसंहारकारी
822करस्थालीहाथोंसे ही भोजनपात्र का काम लेनेवाले
874कर्णिकारमहास्त्रग्वीकरेनकी बहुत बड़ी माला धारण करने वाले
292कर्तासबके उत्पादक
214कर्मकालवित्कर्मो के काल को ठीक-ठीक जानने वाले
266कर्मसर्वबन्धविमोचनःकर्मो के समस्त बन्धनों को काटने वाले
910कलाः
407कलिःकलि नामक युग
532कलिःकलिके स्वरूप
520काञ्चनच्छविःकांचनके समान कमनीय कान्तिवाले
976कान्तःआनन्द की पराकाष्ठारूप
611कापालीदो कपालोंसे निर्मित कपालरूप अखिल के अधीश्वर
102कामःकमनीय
332कामःकमनीय विषय
187कामनाशकःकामदेव को नष्ट करने वाले
152कालःमृत्यु अथवा संवत्सर आदि समय
370कालःकालस्वरूप
384कालःचौसठ कलाओंके निवासस्थल
533कालःसबको अपना ग्रास बनानेवाले कालरूप
240काल कटंकटःयमराजके मायाके आवृत करने वाले
535कालपूजितःकाल अर्थात् मृत्युके द्वारा पूजित
157कालयोगीकाल को भी योगबल से जीतने वाले
911काष्ठाः
297काहलिःकाहल नामक वाद्यविशेषको बजानेवाले
833कुण्डीखप्परधारी
648कुरुकर्ताकुरुक्षेत्रके निर्माता
650कुरुभूतःकुरुक्षेत्रस्वरूप
649कुरूवासीकुरुक्षेत्रनिवासी
663कूलकर्तापुष्कर आदि बड़े-बड़े सरोवरोंका निर्माण करने वाले
662कूलहारीप्रबल प्रवाहरूपसे नदियोंके तटोंका अपहरण करने वाले
128कृष्णःसच्चिदानन्दस्वरूप
850कृष्णपिङ्गलःश्याम-गैरहरि-हर-मूर्ति
455कृष्णवर्णःशमवर्ण विष्णुस्वरूप
66केतुः
688केतुमालीध्वजा-पताकाओंकी मालाओंसे अलंकृत
660कैलासगिरिवासीकैलास पर्वतपर निवास करने वाले
554क्रियावस्थःयज्ञादि क्रियाओंमें संलग्न
915क्षणाःक्षणरूप
308खगःआकाशगामी
29खचरःआकाश में विचरने वाले
113खड्गीसातवें में खड्गधारी
239खलीखलिहानके स्वामी
150गजहागजरूपधारी महान असुर को मारने वाले
543गणःभृंगिरिटि और नन्दिकेश्वर आदि पार्षदरूप
99गणकर्ताअपने पार्षदगणों का संघटन करने वाले
537गणकारःबाणासुर आदि भक्तोंको अपने गणमें सम्मिलित करने वाले
100गणपतिःप्रथमगणों के स्वामी
502गण्डलीपहाड़ोकी गुफाओंमें छिपकर रहनेवाले
421गतागतःगमनागमनशील संसारस्वरूप
169गतिःभक्तों और मुक्तात्माओं के प्राप्त होने योग्य
862गतिःब्रह्मनिष्ठोंकी परमगति
135गन्धधारीःकुकुम और कस्तुरी आदि सुगन्धित पदार्थ धारण करने वाले
567गन्धर्वःचित्ररथ आदि गन्धर्वरूप
857गभस्तिःसूर्यस्वरूप
198गम्भीरःगाम्भीर्ययुक्त
197गम्भीरघोषःगम्भीर घोष करने वाले
199गम्भीरबलवाहनःअगाध बलशाली वृषभ पर सवारी करने वाले
353गवाम्पतिःइन्द्रियोके स्वामी
719गान्धारःगान्धार नामक स्वरूप
178गिरिरूहःपर्वतपर आरूढ़-कैलाशवासी
493गिरिसाधनःपर्वतको युद्धका साधन बनानेवाले
242गुणबुद्धिःगुणोंमें बुद्धि लगानेवाले
154गुणाकरःसद्गुणों की खान
742गुणाधिकःज्ञान-ऐश्वर्य आदि गुणोंके द्वारा सबसे अधिकतर
651गुणौषधःगुणोंको उत्पन्न करने वाली ओषधिके समान ज्ञान
842गुरुःसब के ज्ञानदाता
261गुहःकार्तिकेयस्वरूप
975गुहःकुमार कार्तिकेयस्वरूप
714गुहापालः प्रवेशिनाम्गुफाके भीतर प्रवेष करने वाले योगियोंकी गुफाके रक्षक
260गुहावासीसबकी हदयगुफा में निवास करने वाले
509गुह्यःगोपनीयस्वरूप
30गोचरःपृथ्वी पर विचरने वाले
711गोचर्मवसनःगोचर्ममय वस्त्र धारण करने वाले
709गोपतिःगौओंके स्वामी
708गोपालिःइन्द्रियोंके पालक
400गौतमःतर्कशास्त्रके प्रणेता मुनिस्वरूप
67ग्रहःचन्द्रमा और सूर्य पर ग्रहण लगाने वाला राहु
68ग्रहपतिःग्रहों के पालक
710ग्रामःसमूहरूप
174घोरःभयंकर रूपधारी
75घोरतपाःभयंकर तपस्या करने वाले
387चतुर्मुखःचार मुखवाले
160चतुष्पथःजिनकी प्राप्ति के ज्ञानयोग, भक्तियोग, कर्मयोग और अष्टांगयोग- ये चार मार्ग है वे महादेव
670चन्दनःचन्दन वृक्षस्वरूप
870चन्दनीचन्दनचर्चित अंगवाले
63चन्द्रःचन्द्रमारूप में आहादकारी
640चन्द्रवक्त्रःचन्द्रमा-जैसे मनोहर मुखवाले
356चमूस्तम्भनःदैत्यसेनाको स्तब्ध करने वाले
896चराचरात्माचराचर प्राणियों के आत्मा
14चर्मीव्याघ्रचर्म धारण करने वाले
730चलःकिसीकी पकड़में नहीं आने वाले
389चारूलिङ्गःरमणीय वेशधारी
142चीरवासाःवल्कल वस्त्र पहनने वाले
608चेकितानःअतिशय ज्ञानसम्पन्न
825छत्रम्छत्र के समान पाप-तापसे सुरक्षित रखनेवाले
671छदःछितवन वृक्षस्वरूप
1008जगत्जगत्स्व
683जगत्कालस्थालःप्रलयकालमें जगत्का संहार करने वाले कालके स्थान
511जङ्गमःचलने-फिरनेवाले
805जटाधरःजटाधारी
13जटीजटाधारी
231जटीजटाधारी वानप्रस्थ
224जन्यःसंसार के जन्मदाता
579जलेशयःविष्णुरूपसे जलमें शयन करने वाले
856जलोद्भवःएकार्णव के जल में प्रकट होने वाले
879जाह्नवीधृत्गंगा को मस्तकपर धारण करने वाले
717जितकामःकामविजयी
718जितेन्द्रियःइन्द्रियविजयी
767जीवनःजीवनदाता
226ज्योतिषामयनम्ज्योतिषों का स्थान
232ज्वालीअग्नि की प्रज्वलित ज्वाला में समिधा की आहुति देने वाले
721तपःसक्तःतपस्यामें संलग्न
34तपस्वीतपस्या में संलग्न
778तपोनिधिःतपस्या के भण्डार
969तपोमयःतपोमयस्वरूप
263तरङ्गवित्क्षुधा-पिपासा आदि छहों उर्मियों के ज्ञाता साक्षी
542तरूःकल्पवृक्षस्वरूप
685तरूःतारनेवाले
821तलस्तालःहाथ पर ही ताल देनेवाले
558ताम्रोष्ठःलाल-लाल आठवाले
735तारणःतारनेवाले
569तार्क्ष्यःविनतानन्दन गरूडरूप
358तालःसंसारसागरके तल प्रदेश-आधार-स्थान अर्थात् शुद्ध जाननेवाले
238तालीताल देनेवाले
865तिग्मतेजाः स्वयम्भुवःब्रहाजी की अपेक्षा प्रचण्ड तेजस्वी
148तिग्ममन्युःतीखे कारेध वाले
211तीक्ष्णतापःदुःसह तापरूप सूर्य
764तीर्थदेवःसम्पूर्ण तीर्थों के देवस्वरूप
576तुम्बवीणःतूँबी की वीणा बजानेवाले
119तेजःतेजस्वी
120तेजस्करो निधिःभक्तों के तेज की वृद्धि करने वाले निधिरूप
191तेजोपहारीदूसरों के तेज को हर लेने वाले
734तोरणःमुक्तिद्वारस्वरूप
527त्रासनःसंहारकारी होने कारण भयजनक
848त्रिककुन्मन्त्रःत्रिपदा गायत्रीरूप
265त्रिकालधृक्भूत, भविष्य और वर्तमान तीनों कालों को धारण करने वाले
141त्रिजटीतीन जटा धारण करने वाले
264त्रिदशःप्राणियों की तीन दशाओं-जन्म, स्थिति और विनाश के हेतुभूत
800त्रियुगःसत्ययुग, त्रेता और द्वापर त्रिविध युगस्वरूप
802त्रिलोचनःत्रिनेत्रधारी
955त्रिविक्रमःतीनों लोकों को तीन चरणों से नाप लेने वाले भगवान वामन
930त्रिविष्टपम्स्वर्ग के साधनस्वरूप
612त्रिशङ्कुःत्रिशङ्कुरूप
549त्रिशुक्लःमन,वाणी और शरीर ये तीनों
894त्र्यक्षःत्रिनेत्रधारी
623त्वष्टाप्रजापति विश्वकर्मा
705दक्षःचतुर
188दक्षयागापहारीदक्ष के यज्ञ का अपहरण करने वाले
339दक्षिणःकुशल
832दण्डीदण्डधारी
886दमनःदुष्टों का दमन करने वाले
402दम्भःशत्रुओंका दमन करने वाले
424दर्पणःदर्पणके समान स्वच्छ
653दर्भचारीवेदीपर बिछे हुए-कुषोंपर रखे हुए हविष्यको भक्षण करने वाले
91दशबाहुःदस भुजाओं से युक्त
101दिग्वासाःदिगम्बर
77दीनसाधकःशरण में आये हुए दीन-दुखियों का मनोरथ सिद्ध करने वाले
125दीर्धःउंचे कदवाले
270दुर्वासाःअत्रि और अनसूया के पुत्र रुद्रावतार दुर्वासा मुनि
278दुर्वासाःअनन्त और अपार होने के कारण जिनको वस्त्र से आच्छादित करना दुर्लभ है
573देवःमहादेवस्वरूप
938देवःपरम देवस्वरूप
952देवतात्मादेवताओं के अन्तरात्मा
655देवदेवःदेवताओंके भी देवता
945देवर्षिःनारदस्वरूप
963देवसिंहःदेवताओं में सिंह के समान पराक्रमी
944देवातिदेवःनारदस्वरूप
504देवाधिपतिःदेवताओंके स्वामी
943देवासुरगणाग्रणीःदेवताओं तथा असुरों के अगुआ
942देवासुरगणाध्यक्षःदेवताओं तथा असुरगणों के अध्यक्ष
941देवासुरगणाश्रयःदेवताओं तथा असुरगणों के आश्रय लेने योग्य
937देवासुरगुरुःदेवताओं और असुरों के गुरु
939देवासुरनमस्कृतःदेवताओं और असुरों से वन्दित
744देवासुरपतिःदेवताओं, और असुरोंके स्वामी
936देवासुरपरायणःदेवताओं तथा असुरों के परम आश्रय
940देवासुरमहामात्रःदेवताओं और असुरों से अत्यन्त श्रेष्ठ
949देवासुरमहेश्वरःदेवताओं और असुरों के महान ईश्वर
946देवासुरवरप्रदःदेवताओं और असुरों को भी वरदान देने वाले
935देवासुरविनिर्मातादेवताओं तथा असुरों के जन्मदाता
947देवासुरेश्वरःदेवताओं और असुरों के ईश्वर
840देवेन्द्रःदेवताओं के राजा
748देवो दिविसुपर्वणःस्वर्गमें जो महान् देवता इन्द्र हैं
296देहःदेहस्वरूप
151दैत्यहाअन्धक आदि दैत्यों का वध करने वाले
526द्वादशःग्यारह रुद्रोसे श्रेष्ठ बारहवे रुद्र
615धन्वन्तरिःमहावैद्य धन्वन्तरिरूप
108धन्वीदूसरे हाथ में धनुष धारण करने वाले
625धरःआठ वसुओंमेंसे एक वसु धरस्वरूप
285धरोत्तमःधारण करनेवालों में सबसे उत्‍तम-अखिल धारण करने वाले
895धर्मसाधारणो वरःधर्म-पालन के अनुसार वर देने वाले
185धर्षणात्माभयरूप
619धातासबको धारण करने वाले
442धूमकेतनःअग्निस्वरूप
616धूमकेतुःअग्निस्वरूप
703धृतिमान्धैर्यशाली
26ध्रुवःअचल
624ध्रुवःनित्यस्वरूप
751ध्रुवःअविचलस्वरूप
147नक्तंचरःरात में विचरने वाले
531नक्तम्प्रलयकालकी रात्रिस्वरूप
241नक्षत्रविग्रहमतिःनक्षत्र-ग्रह-तारा आदिकी गतिको जाननेवाले
62नक्षत्रसाधकःनक्षत्रों के साधक
380नन्दनःपरम आनन्द प्रदान करने वाले
375नन्दिःज्ञानसम्पतिरूप
376नन्दिकरःज्ञानरूपीसम्पति देनेवाले
522नन्दिकरःआनन्द देनेवाले
381नन्दिवर्द्धनःसमृद्धि बढ़ानेवाले
379नन्दीनन्दी नामक गणरूप
378नन्दीश्वरःनन्दी नामक पार्षदके स्वामी
179नभःआकाश के समान असंग
140नभःस्थलःआकाश जिनका वासस्थान है वे
723नरःविराट् पुरुष
873नरःपुरुषरूप
964नरर्षभःमनुष्यों में श्रेष्ठ
172नर्तकःनाचने-नचाने वाले
687नवचक्राङ्गःनूतन हंसरूप
521नाभिःसमस्त भुवनका मध्यदेशरूप
291निग्रहःउदण्डोको दण्ड देनेवाले
977निजः सर्गःसृष्टि से अभिन्न
177नित्यःविनाशवासी
743नित्य आत्मसहायःआत्माकी सदा सहायता करने वाले
441नित्यं वर्चस्वीसदा तेजसे जगमगासे रहनेवाले
171नित्यनर्तःनिरन्तर नृत्य करने वाले
363नित्यमाश्रमपूजितःसदा आज्ञमोंद्वारा पूजित होने वाले
58निधिःअक्षय ऐश्वर्य के भण्डार
306निपातीपापियोंको नरकमें गिरानेवाले
374निमित्तम्निमित कारणरूप
373निमित्तस्थःअन्तर्यामी
24नियतःनियमपरायण
52नियमःशौच- संतोष आदि नियमों के पालन के प्राप्त होने योग्य
53नियमाश्रितःनियमों के आश्रय भूत
994नियमेन्द्रियवर्धनःनियमोंद्वारा मनसहित इन्द्रियोंका दमन करने वाले
446निरवग्रहःप्रतिबन्धरहित
984निरामयःसर्वथा दोषरहित
766निर्जीवःजड-प्रपंचस्वरूप
931निर्वाणम्मोक्षस्वरूप
23निवृत्तिःनिवृतिमार्ग
812निवेदनःसब प्रकार की वृति से रहित ज्ञान वाले
401निशाकरःचन्द्रमारूप
161निशाचरःरात्रि के समय विचरने वाले
317निशाचरःरात्रिमें विचरनेवाले
371निशाचारीप्रलयकालकी रातमें विचननेवाले
465निशालयःनिशा अर्थात् अविद्याके लयस्थान
383निहन्तामृत्युरूपसे सबको मारनेवाले
416नीतिःन्यायस्वरूप
958नीरजःनिर्मल
443नीलःशमवर्ण श्रीहरि
93नीलकण्ठःजगत कि रक्षा के लिये हालाहल विष का पान करके उसके नील चिहन को कण्ठ में धारण करने वाले
875नीलमौलिःमस्तकपर नीलमणिमय मुकुट धारण करने वाले
170नृत्यप्रियःताण्डव नृत्य जिन्हें प्रिय है वे शिव
729नैकसानुचरःमेरूगिरिके अनेक शिखरोंपर विचरण करने वाले
864नैकात्माअनेक शरीरधारी
201न्यग्रोधःवटनिकटनिवासी
200न्यग्रोधरूपःवटवृक्षस्वरूप
792न्यायनिर्वपणःन्यायोचित दान करने वाले
908पक्षःपक्षरूप
327पक्षरूपःशुक्लपक्षस्वरूप
326पक्षीगरुड़रूपधारी
114पट्टिशीआठवें में पट्टिश धारण करने वाले
237पणवीपणव नामक वाद्य बजाने वाले
794पण्डितःज्ञानी
745पतिःसबके स्वामी
738पतिखेचरःआकाशचारीकी स्वामी
853पद्मगर्भःब्रह्मास्वरूप
638पद्मनाभःअपनी भाभिसे कमलको प्रकट करने वाले विष्णुरूप
871पद्मनालाग्रःपद्यनाल के मूल विष्णुस्वरूप
481पयोनिधिःक्षीरसागररूप
565परःप्राचीन
81परमं तपःउत्कृष्ट तपः स्वरूप[
413परमं ब्रह्मसर्वात्कृष्ट परमात्मा
890परमात्मापरमेश्वर
104परमो मन्त्रःउत्कृष्ट मन्त्ररूप
1001परम्सर्वश्रेष्ठ
572परश्र्वधायुधःफरसेका आयुधके रूपमें उपयोग करने वाले परशुरामरूप
934परा गतिःसर्वोत्कृष्ट गतिस्वरूप
737परिधीःब्रहाण्डका घेरारूप
904पर्ययो नरःसब ओर से व्याप्त करने वाले वैश्वानरस्वरूप
50पवित्रम्शुद्ध वस्तुरूप
847पवित्रम्परम पावन
978पवित्रम्परम पवित्र
409पशुपतिःपशुओं-जीवोंके स्वामी
867पशुपतिःजीवोंके स्वामी
793पादःशरण लेनेयोग्य पद्यते भक्तैः इति पादः
176पाशःअपनी मायारूपी पाश से बांधने वाले
924पिता
386पितामहःप्रजापतिके भी पिता
926पितामहः
876पिनाकधृत्पिनाक धनुष को धारण करने वाले
372पिनाकवान्पिनाक नामक धनुष धारण करने वाले
889पीतात्माहिरण्यमय पुरुष
646पुण्यचञ्चुःपुण्यके द्वारा जाननेमें आने वाले
645पुराणःपुराणस्वरूप
524पुष्करस्थपतिःब्रहाणडरूपी पुष्करका निर्माण करने वाले
510प्रकाशःभक्तोंपर कृपा करके स्वयं ही उनके समक्ष अपनेको प्रकाशित कर देनेवाले
715प्रकृष्टारिःकाम,क्रोध आदि शत्रुओंको क्षीण कर देनेवाले
928प्रजाद्वारम्प्रजा के कारण
245प्रजापतिःप्रजा के स्वामी
917प्रजाबीजम्प्रजाओं के कारणरूप
492प्रत्ययःज्ञानस्वरूप
892प्रधानधृत्जगत के कारणभूत त्रिगुणमय प्रधान के अधिष्ठानस्वरूप
3प्रभःसमर्थ ईश्वर
626प्रभावःउत्कृष्टभावसे सम्पन्न
682प्रभावात्माउत्कृष्ट सतास्वरूप
21प्रभुःस्वामी
80प्रमाणम्प्रमाणस्वरूप
891प्रयतात्माविशुद्धिचित
5प्रवरःसर्वश्रेष्ठ
22प्रवृत्तिःप्रवृतिमार्ग
220प्रशान्तात्माशान्तचित
490प्रसन्नःआनन्दमग्न
48प्रसादःप्रसन्नता से परिपूर्ण
491प्रसादःप्रसन्नताकी मूर्ति
513प्रसादःदया करके शीघ्र प्रसन्न होने वाले
272प्रस्कन्दनःस्थान भ्रष्ट करने वाले
338प्राक्सबके आदि
702प्राणधारणःसबके प्राणोंकी रक्षा करने वाले
973प्रासानां प्रभवःप्रास नामक अस्त्र की उत्पति के स्थान
517प्रियःभक्तोंके प्रेमास्पद
162प्रेतचारीप्रेतोंके साथ विचरण करने वाले
669बकुलःमौलकिसरी वृक्षस्वरूप
591बन्धकर्ताबन्धनरूप संसारके निर्माता
590बन्धनःस्नेहबन्धनमें बांधनेवाले
982बभ्रूःविष्णुस्वरूप
397बलःबलवान
254बलचारीबलका संचार करने वाले
301बलरूपधृक्बल और रूपके आधार
414बलवत्शक्तिशाली
643बलवान्शक्तिशाली
97बलवीरःबल के द्वारा वीरता प्रकट करने वाले
192बलहाबलनामक दैत्य का वध करने वाले
235बलीबलिष्ठ
770बहुकर्कशःसंहारकालमें अत्यन्त कठोर स्वभाववाले
166बहुधरःबहुतों को धारण करने वाले
597बहुधा निन्दितःदक्ष और उनके समर्थकोंद्वारा अनेक प्रकारसे निन्दित
665बहुप्रदःबहुत अधिक देनेवाले
422बहुप्रसादःभक्तोंपर अधिक कृपा करने वाले
165बहुभूतःसृष्टिकाल में एक से अनेक होने वाले
796बहुमालःबहुत-सी मालाएं धारण करने वाले
312बहुरश्मिःअसंख्य किरणोवाले, सूर्यरूप
134बहुरूपःबहुत से रूप धारण करने वाले
664बहुविद्यःबहुत-सी विद्याओंके ज्ञाता
109बाणहस्तःतीसरे हाथ में बाण लिये रहने वाले
806बिन्दुःअनुस्वाररूप
395बीजकर्ताकारणोंके उत्पादक
90बीजवाहनःजीवों के संस्काररूप बीज को वहन करने वाले
394बीजाध्यक्षःकारणोंके अध्यक्ष
1002ब्रह्मदेश,काल और वस्तु से अपरिच्छिन्न चिन्मयतत्त्व
858ब्रह्मकृत्वेदोंका आविष्कार करने वाले
855ब्रह्मगर्भःवेदको उदरमें धारण करने वाले
364ब्रह्मचारीब्रह्मनिष्ठ
851ब्रह्मदण्डविनिर्माताब्रह्मदण्ड का निर्माण करने वाले
933ब्रह्मलोकःब्रहालोकस्वरूप
992ब्रह्मवर्चसःब्रहातेज से सम्पन्न
860ब्रह्मवित्वेदार्थवेता
385ब्रह्मालोकस्त्रष्टा ब्रह्मा
859ब्रह्मीवेदाध्यायी
861ब्राह्मणःब्रह्मनिष्ठ
1003भक्तानां परमा गतिःभक्तों के लिये परम गतिस्वरूप
28भगवान्सम्पूर्ण ऐश्वर्य, ज्ञान, यज्ञ, श्री, वैराग्य, और धर्मसे सम्पन्न
816भगवान् गन्धपालीउत्तम गन्ध की रक्षा करने वाले भगवान्
382भगहारीऐश्वर्यका अपहरण करने वाले
12भवःसबकी उत्पतिके स्थान
697भवःसतारूप
540भस्मगोप्ताभस्मस्वरूवप
541भस्मभूतःभस्मस्वरूप
539भस्मशयःभस्मपर शयन करने वाले
450भागकरःयज्ञके हविष्यका विभाजन करने वाले
449भागीयज्ञमें भागलेनेवाले
523भावःश्रद्धा-भक्तिस्वरूप
345भिक्षुःसंन्यासी
346भिक्षुरूपःश्रीराम-कृष्ण आदिकी बालछविका दर्शन करनेके लिये भिक्षुरूप धारण करने वाले
4भीमःसंहारकारी होन के कारण भयंकर
163भूतचारीभूतों के साथ विचरने वाले
552भूतनिषेवितःसमस्त प्राणियोंद्वारा सेवित
691भूतपतिःसम्पूर्ण प्राणियोंके स्वामी
35भूतभावनःसंकल्पमात्र से आकाश आदि भूतों की सृष्टि करने वाले
634भूतभावनःसमस्त प्राणियोंके उत्पादक[
538भूतवाहनसारथिःत्रिपुर-विनाशके लिये समस्त प्राणियोंके योगक्षेमका निर्वाह करने वाले ब्रहाजीको सारथि बनाने वाले
690भूतालयःसम्पूर्ण भूतोंके घर
701भोजनःअन्नदाता
534मकरःमकराकार शिशुसार चक्र
804मणिविद्धःमणिका कुण्डल पहनने के लिये, छिदे हुए कर्णवाले
704मतिमान्बुद्धिमान्
331मदनःकामदेवरूप
359मधुःवसन्त ऋतुरूप
360मधुकलोचनःमधुके समान पिंगल नेत्र वाले
190मध्यमःमध्यस्थ
869मनोजवःमनके समान वेगशाली
316मनोवेगःमनके समान वेगवाले
79मन्त्रःप्रणव आदि मन्त्ररूप
768मन्त्रःप्रणव आदि मन्त्रस्वरूप
427मन्त्रकारःमन्त्रोंका आविष्कार करने वाले
103मन्त्रवित्मन्त्रवेता
818मन्थानो बहुलो वायुःविश्व को मथ डालनेमें समर्थ प्रलयकाल की महान् वायुस्वरूप
342महर्षिःवसिष्ठ आदि
471महाकम्बुःबड़े कण्ठवाले
467महाकर्णःबड़े-बड़े कानवाले
410महाकर्तापंच महाभूतादि सृष्टिकी रचना करने वाले
33महाकर्मामहान कर्म करने वाले
784महाकल्पःबहुमूल्य अलंकारों से अलंकृत
39महाकायःविराप
205महाकायःबड़े डील डौल वाले
460महाकायःविश्वरूप
727महाकेतुःधर्मरूप महान् ध्वजावाले
488महाकोशःबहुत बड़े पेटवाले
577महाक्रोधःप्रलयकालमें महान् क्रोध प्रकट करने वाले
287महाक्षःबड़े नेत्र वाले
639महागर्भःविशाल ब्रहाण्ड को उदर मे धारण करने वाले
854महागर्भःजगत्रूप गर्भ को धारण करने वाले होनसे महागर्भ
454महागर्भपरायणःहिरण्यगर्भके परम आश्रय
724महागीतःजिनके माहात्मयका वेद-शास्त्रोद्वारा गान किया गया है ऐसे महान् देव
472महाग्रीवःविशाल ग्रीवासे युक्त
431महाघोरःप्रलय करने वाले
453महाङ्गःमहान् अंगवाले
489महाजटःबड़ी-बड़ी जटावाले
673महाजत्रुःबहुत बड़ी हंसुलवाले
484महाजिह्वःविशाल जिह्वावाले
435महाज्वालःअग्निसे भी महान् तेजवाले
74महातपाःमहान तपस्वी
175महातपाःमहान् तप करनेवाले
223महातेजाःमहान तेज से सम्पन्न
42महात्मा
546महात्मा
482महादन्तःबड़े-बड़े दाँतवाले
483महादंष्ट्रःबड़ी-बड़ी दाढ़वाले
595महादंष्ट्रःबड़ी-बड़ी दाढ़वाले नरसिंहरूप
603महादेवःदेवताओंके भी पूजनीय
815महाधनुःपिनाक नामक विषाल धनुष धारण करने वाले
728महाधातुःसुवर्णस्वरूप
486महानखःबड़े-बड़े नखवाले नृसिंह
206महाननःविशाल मुख वाले
790महानागहनःविशालकाय गजासुर का वध करने वाले
158महानादःअनाहत ध्वनिरूप
470महानासःबड़ी नासिकावाले
725महानृत्यःप्रकाण्ड़ ताण्ड़व करने वाले
464महानेत्रःविशाल नेत्रोंवाले
51महान्पूजनीय
116महान्सर्वश्रेष्ठ
824महान्श्रेष्ठतम्
466महान्तकःमृत्युकी भी मृत्यु
756महापथःसर्वोत्तम मार्गस्वरूप
458महापादःलंबे पैरोवाले त्रिविक्रमस्वरूप
885महाप्रसादःभक्तों पर महान् अनुग्रह करने वाले
86महाबलःमहान शक्ति से सम्पन्न
761महाबलःअनन्त शक्तिसे सम्पन्न[
84महाबीजःमहान कारणरूप
463महामात्रःविशाल नापवाले
480महामायःमहामायावी
797महामालःमहती-पैरोंतक लटकने-वाली माला धारण करने वाले
485महामुखःबहुत बड़े मुखवाले
497महामुनिःअत्यन्त मननशील
462महामूर्धामहान् मस्तकवाले
430महामेघनिवासीप्रलयकालिक महामेघोंमें निवास करने वाले
41महायशाःमहान यशस्वी
461महायशाःमहान् सुयशवाले
782महायशाःमहान् श्यषसे सम्पन्न
596महायुधःविशाल आयुधधारी
765महारथःत्रिपुरदाह के समय पृथ्वीरूपी विशाल रथ पर आरूढ़ होने वाले
38महारूपःमहान रूप वाले
789महारूपःमहानपवाले
85महारेताःमहावीर्य शाली
487महारोमाविशाल रोमवाले वराहरूप
773महार्णव निपानवित्महासागररूपी निपानों हौजों-को जाननेवाले
388महालिङ्गःमहालिंगस्वरूप
474महावक्षाःविशाल वक्षःस्थलवाले
315महावेगःवायुसे भी अधिक वेगशाली
350महासेनःदेवसेनापति कार्तिकेयरूप
45महाहनुःविशाल ठोढ़ी वाले
469महाहनुःपुष्ट एवं बड़ी ठोड़ीवाले
716महाहर्षःपरमानन्दस्वरूप
459महाहस्तःलंबे हाथवाले
255महीचारीसारी पृथ्वी पर विचरने वाले
164महेश्वरःइन्द्र आदि लोकेश्वरों से भी महान
475महोरस्कःचौड़ी छातीवाले
468महोष्ठःलंबे ओठवाले
675महौषधःमहान् औषधस्वरूप
925माता
913मात्राःइत्यादि कालावयवस्वरूप
633मान्धाताजीव को तृप्ति प्रदान करने वाले
420मान्यःसम्मानने योग्य
586मायावी
262मालीमालाधारी
907मासःमासरूप
622मित्रःबारह आदित्यों में से एक
1005मुक्ततेजाःशत्रुओं पर तेज छोड़ने वाले
294मुख्यःसर्वश्रेष्ठ
131मुण्डःमूंड मुड़ाये हुए, भिक्षुस्वरूप
829मुण्डःमुण्डित-मस्तक
230मुण्डीशिखारहित संन्यासी
193मुदितःआनन्दस्वरूप
322मुनिःमननशील
914मुहूर्ताहःक्षपाःमुहूर्त, दिन और रात्रिरूप
233मूर्तिजःशरीर रूपसे प्रकट होने वाले
234मूर्द्धगःमूद्र्धा-सहस्रार चक्र में ध्येय रूप से विद्यमान
774मूलम्संसाररूपी वृक्ष के कारण
72मृगबाणार्पणःमृगरूपधारी यज्ञ पर बाण चलाने वाले
477मृगालयःमृग-शिशुको अपनी गोदमें लिये रहनेवाले
348मृदुःकोमल स्वभाववाले
253मेढ़जः
503मेरूधामामेरू-पर्वतको अपना निवासस्थान बनानेवाले
929मोक्षद्वारम्मोक्ष के साधनस्वरूप
508यजुःपादभुजःयजुर्वेद जिनके हाथ-पैर हैं
209यज्ञःयज्ञरूप
216यज्ञःविष्णुस्वरूप, यज्ञो वै विष्णुः
529यज्ञःयज्ञपुरुष
275यज्ञविभागवित्यज्ञसम्बन्धी हविष्य के विभिन्न भागों का ज्ञान रखने वाले
530यज्ञसमाहितःयज्ञ में उपस्थित रहनेवाले
186यज्ञहादक्ष के यज्ञ का विध्वंस करने वाले
335यशःश्यषस्वरूप
746युक्तःभक्तोंके उद्धारके लिये सदा उद्यत रहनेवाले
747युक्तबाहुःसबकी रक्षाके लिये उपयुक्त भुजाओंवाले
786युगकरःयुगप्रवर्तक
788युगरूपःयुगस्वरूप
707युगाधिपःयुगके स्वामी
393युगावहःचारों युगोंके निर्वाहक[
268युधिशत्रुविनाशनःयुद्ध में शत्रुओं का विनाश करने वाले
785योगःचितवृतियों के निरोधस्वरूप
392योगाध्यक्षःयोगके अध्यक्ष
82योगीयोगनिष्ठ
83योज्यःमनोयोग के आश्रय
722रतिःप्रीतिरूप
771रत्नप्रभूतःअनेक रत्नों के भण्डाररूप
772रत्नाङ्गःरत्नमय अंगवाले
630रविःसूर्य
983राजराजःराजाओंके राजा
143रुद्रःदुःख को दूर भगाने वाले
309रौद्ररूपःभयंकर रूपधारी
451लघुःशीघ्रकारी
478लम्बनःअनेक ब्रहाण्डोके आश्रय
479लम्बितोष्ठःप्रलयकालमें सम्पूर्ण विश्वको अपना ग्रास बनानेके लिये ओठोंको फैलाये रखनेवाले
243लयःप्रलयके स्थान
989ललाटाक्षःललाट में तीसरा नेत्र धारण करने वाले
912लवाः
918लिङ्गम्महतत्त्वस्वरूप
390लिङ्गाध्यक्षःप्रत्यक्ष आदि प्रमाणोंके अध्यक्ष
408लोककर्ताजगत कि सृष्टि करने वाले
365लोकचारीसम्पूर्ण लोकोंमें विचरनेवाले
153लोकधातासमस्त जगत का धारण-पोषण करने वाले
46लोकपालःलोकरक्षक
544लोकपालःचतुर्दश भुवनोंका पालन करने वाले
684लोकहितःलोकहितैषी
286लोहिताक्षःरक्तनेत्र
354वज्रहस्तःहाथमें वज्र धारण करने वाले इन्द्ररूप
837वज्रीवज्रधारी
972वज्रीवज्रायुधधारी
218वडवामुखःसमुद्र में स्थित बड़वानलरूप
666वणिजोवैषयरूप
7वरःवरण करने योग्य, वरस्वरूप
69वरःवरणीय
556वरःसर्वश्रेष्ठ
6वरदःअभीष्ट वर देनेवाले
882वरदाःवरदाता
883वरेण्यःस्वामी बनाने योग्य
881वरो वराहःश्रेष्ठ वराहरूपधारी भगवान
636वर्णविभावीश्वेत-पीत आदि वर्णोको विविधरूपसे व्यक्त करने वाले
667वर्धकीसंसाररूपी वृक्षको काटनेवाले बढ़ई
739वर्धनःसंयोगःवृद्धिका हेतुभूत स्त्री-पुरुषका संयोग
582वंशवंशस्वरूप
581वंशकरःवंशप्रवर्तक
406वशकरःदूसरोंको वशमें करनेकी शक्ति रखनेवाले
583वंशनादःश्रीकृष्णरूपसे वंशी बजानेवाले
432वशीसबको वशमें रखनेवाले
405वश्यःभक्तपराधीन
314वसुवेगःवायुके समान वेगवाले
755वसुश्रेष्ठःश्रेष्ठ धनस्वरूप अर्थात् मुक्तिस्वरूप
361वाचस्पत्यःपुरोहितका काम करने वाले
362वाजसनःशुक्ल यजुर्वेदकी माध्यन्दिनी शाखाके प्रवर्तक
736वातःवायुरूप
868वातरंहाःवायुके समान वेगशाली
337वामःपापियोंके प्रतिकूल
336वामदेवःवामदेव ऋषिस्वरूप
340वामनःबलिको बांधनेवाले वामन रूपधारी
501वायुवाहनःवायुका वाहनके रूपमें उपयोग करने वाले
279वासवःइन्द्रस्वरूप
834विकुर्वणःक्रियाद्वारा अलभ्य
831विकृतःसम्पूर्ण विपरीत क्रियाओं को धारण करने वाले
827विख्यातो लोकःसुप्रसिद्ध लोकस्वरूप
367विचारवित्विचारोंके ज्ञाता
181विजयःविजेता
288विजयाक्षःविजयशील रथवाले
428विद्वान्सर्वज्ञ
632विधाताप्रजाका विशेषरूप से धारण-पोषण करने वाले
124विनतःविनयशील
347विपणःव्यवहारसे अतीत
965विबुधःविशेष ज्ञानवान्
247विभागःविभागस्वरूप
273विभागज्ञःप्राणियो के कर्म और फलों के विभाग को यथोचितरूप से जानने वाले
145विभुःसर्वव्यापी
203विभुःविविध रूपो से प्रकट होने वाले
635विभुःविविधरूपसे विद्यमान
696विभुःसर्वव्यापी
757विमर्शः शिरोहारीविवेकपूर्वक दुष्टों का शिरष्छेद करने वाले
1004विमुक्तःनित्य मुक्त
250विमोचनःसंसार-बन्धन से छुड़ाने वाले
225वियजकालवित्विजय के समय का ज्ञान रखने वाले
957विरजःरजोगुणरहित
987विरामःसबसे उपरत
830विरूपःविकट रूपवाले
901विवस्वान् सवितामृतःकिरणों से सुशोभित एवं जगत को उत्पन्न करने वाले अमृतस्वरूप सूर्य
351विशाखःकार्तिकेयके सहायक
329विशाम्पतिःप्रजाओंके स्वामी
289विशारदःविद्वान्
775विशालःअत्यन्त शोभायमान
557विशालशाखःलंबी भुजाओंवाले
60विशालाक्षःविशाल नेत्र वाले
948विश्वःविराटस्वरूप
555विश्वकर्ममतिःसंसारकी रचनारूप कर्ममें कुशल
916विश्वक्षेत्रमब्रहाण्डरूपी वृक्ष के आधार
604विश्वदेवःसम्पूर्ण विश्वके आराध्यदेव
990विश्वदेवःसम्पूर्ण विश्वदेव के द्वारा क्रीड़ा करने वाले
246विश्वबाहुःसब ओर भुजा वाले
44विश्वरूपःसम्पूर्ण विश्व जिनका रूप है वे
95विश्वरूपःजगत्स्वरूप
803विषण्णाङ्गःअंगरहित अर्थात् सर्वथा निराकार
355विष्कम्भीविस्तारयुक्त
621विष्णुःसर्वव्यापी नारायणदेव
215विष्णुप्रसादितःभगवान विष्णु ने जिन्हें आराधना करके प्रसन्न किया था वे शिव
207विष्वक्सेनःदैत्यों की सेना को सब ओर भगा देने वाले
807विसर्गःविसर्जनीयस्वरूप
799विस्तारो लवणः कूपःविस्तृत क्षारसमुद्रस्वरूप
668वृक्षःसंसाररूप वृक्षस्वरूप
202वृक्षकर्णस्थितिःवटवृक्ष के पते पर शयन करने वाले बालमुकुन्दरूप
499वृक्षकेतुःवृक्षके समान उंची ध्वजावाले
498वृक्षाकारःसंसारवृक्षस्वरूप
357वृत्तावृत्तकरःयुद्धमें रथके द्वारा मण्ड़ल बनाना वृत कहलाता है और शत्रुसेनाको विदीर्ण करके अक्षत शरीरसे लौट आना आवृत कहलाता है इन दोनोंको कुशलतापूर्वक करने वाले
740वृद्धःगुणोंमें बढ़ा-चढ़ा
439वृषणःकर्मफलकी वर्षा करने वाले धर्मस्वरूप
40वृषरूपःधर्मस्वरूप
236वेणवीवंशी बजाने वाले श्रीकृष्ण
426वेदकारःवेदोंका कर्ता
404वैदम्भःदम्भरहित पुरुषोंके आत्मीय
956वैद्यःवैद्यस्वरूप
618वैश्रवणःकुबेरस्वरूप
922व्यक्तम्साकाररूप
777व्यक्ताव्यक्तःसाकार-निराकार स्वरूप
182व्यवसायःदृढ़निश्चयी
962व्याघ्रःसिंहस्वरूप
259व्यालरूपःशेषनागस्वरूप
902व्यासःपुराण-इतिहास आदि के स्रष्टा वेदव्यासस्वरूप
1000व्रताधिपःव्रतों के अधिपति
415शक्रःइन्द्र
620शक्रःइन्द्रस्वरूप
440शङ्करःकल्याणकारी
599शङ्करःकल्याणकारी
600शङ्करःभक्तोंको आनन्द देनेवाले
838शतजिह्वःसैकड़ो जिहवावाले
112शतध्नीछठे हाथ में शतध्नी रखने वाले
852शतध्नीपाशशक्तिमान्शतध्नी, पाश और शक्तिसे युक्त
887शत्रुहाशत्रुनाशक
65शनिः
809शरःअनुस्वाररूप
845शरण्यःषरण लेने के योग्य
598शर्वःप्रलयकालमें सबका संहार करने वाले
798शशी हरसुलोचनःचन्द्रमा के समान सौम्य दृष्टियुक्त महादवे
25शाश्वतःनित्य
15शिखण्डीशिखाधारी
229शिखीशिखाधारी गृहस्थस्वरूप
614शिवःकल्याणस्वरूप
781शीलधारीसुशीलसम्पन्न
548शुक्लःशुद्धस्वरूप
563शुक्लःश्वेत वर्णवाले
551शुचिःपरम पवित्र
999शुचिःसर्वथा शुद्ध
419शुद्धःपरम पवित्र
418शुद्धात्माःशुद्धस्वरूप
769शुभाक्षःमंगलमयी दृष्टिवाले
981शृङ्गप्रियःपर्वत-शिखर को पसंद करने वाले
980शृङ्गीसिंगी नामक बाजा अपने पास रखने वाले
445शोभनःशोभाशाली
971शोभनःकल्याणस्वरूप
473श्मशानभाक्श्मशान भूमिमें क्रीड़ा करने वाले
27श्मशानवासीशषान भूमि में निवास करने वाले
319श्रियावासीलक्ष्मीके साथ निवास करने वाले विष्णुरूप
1006श्रीमान्योगैश्वर्य से सम्पन्न
1007श्रीवर्धनःभक्तों की सम्पति को बढ़ाने वाले
129श्रृगालरूपःसियार का रूप धारण करने वाले
888श्वेतपिङ्गलःअर्धनारीनरेश्वर वेश में श्वेत-पिङ्गल वर्ण वाले
352षष्टिभागःप्रभव आदि साठ भागों में विभक्त संवत्सररूप
819सकलःसम्पूर्ण कलाओंसे युक्त
399सकल्पःकल्प-यज्ञोंके प्रयोग और विधिके विचारके साथ मीमांसा और न्यायका समूह
594सकामारिःकामविजयी योगियोंके साथी
909संख्यासमापनःपूर्वोक्त ऋतु आदि की संख्या समाप्त करने वाले पर्व संक्रान्ति, दर्ष, पूर्णमासादि रूप
536सगणःप्रमथ आदि गणोंसे युक्त
290संग्रहःसंग्रह करने वाले
657सत्सत्स्वरूप
920सत्सत्स्वरूप
706सत्कृतःसबके द्वारा सम्मानित
998सत्यव्रतःसत्यप्रतिज्ञ
801सफलोलदयःजिसका अवताररूपमें प्रकट होना सफल हैं
689सभावनःधर्मस्थानकी रक्षा करने वाले
429समरमर्दनःसमरांगणमें शत्रुओंका संहार करने वाले
762समाम्नायःवेदस्वरूप
217समुद्रःमहासागररूप
550सम्पन्नःसम्पूबर्ण सम्पदाओंसे युक्त
324सम्भग्नःसम्यक् रूपसे सेवित
593सयज्ञारिःदक्षयज्ञ-शत्रुओंके साथी
699संयतःसंयमशील
210संयुगापीडवाहनःयुद्ध में पीड़ारहित वाहन वाले
903सर्गः सुसंक्षेपो विस्तारःसंक्षिप्त और विस्तृत सृष्टिस्वरूप
293सर्पचीर निवासनःसर्पमय चीर धारण करने वाले
10सर्वःविश्वात्मा होनेके कारण सर्वस्वरूप
518सर्वःसर्वस्वरूप
11सर्वकरःसम्पूर्ण जगत के स्रष्टा
817सर्वकर्मणामुत्थानःसमस्त कर्मों के उत्थानस्वरूप
54सर्वकर्मासारा जगत जिनका कर्म है वे
159सर्वकामःसम्पूर्ण कामनाओं से सम्पन्न
637सर्वकाम गुणावहःसमस्त भोगों और गुणोंकी प्राप्ति करानेवाले
298सर्वकामदःसम्पूर्ण कामनाओंके दाता
302सर्वकामवरः
299सर्वकालप्रसादःसम्पन्न
248सर्वगःसर्वव्यापी
733सर्वगन्धसुखावहःसम्पूर्ण गन्धादि विषयोके सुखकी प्राप्ति करानेवाले
627सर्वगो वायुःसर्वव्यापी वायु-सूत्रात्मा
277सर्वचारीसर्वत्र विचरने वाले
366सर्वचारीसर्वत्र गमन करने वाले
88सर्वज्ञःसब कुछ जानने वाले
257सर्वतूर्यनिनादीसब प्रकार के बाजे बजाने वाले
304सर्वतोमुखःसब और मुखवाले
303सर्वदःसब कुछ देनेवाले
968सर्वदेवःसर्वदेवस्वरूप
841सर्वदेवमयःसम्पूर्ण देवस्वरूप
950सर्वदेवमयःसम्पर्ण देवस्वरूप
457सर्वदेहिनाम् इन्द्रियम्समस्त देहधारियोंके इन्द्रियसमुदायरूप
284सर्वधारीसबको धारण करने वाले
893सर्वपार्श्वमुखःसम्पूर्ण दिशाओं की ओर मुखवाले
979सर्वपावनःसबको पवित्र करने वाले
547सर्वपूजितःसबके द्वारा पूजित
105सर्वभावकरःसमस्त पदार्थों की सृष्टि करने वाले
17सर्वभावनःसबके उत्पादक
20सर्वभूतहरःसम्पूर्ण भूतोंका संहार करने वाले
43सर्वभूतात्मासम्पूर्ण भूतों के आत्मा
695सर्वभूतानां निलयंसमस्त प्राणियोंके निवासस्थान
694सर्वभूतानां वाहितासम्पूर्ण भूतोंका भार वाहन करने वाले
760सर्वयोगीसभी समयमें योगयुक्त
659सर्वरत्नवित्सम्पूर्ण रत्नोंके ज्ञाता
758सर्वलक्षणलक्षितःसमस्त शुभ लक्षणोंसे सम्पन्न
173सर्वलालसःसब पर प्रेम रखने वाले
846सर्वलोककृत्सम्पूर्ण लोकों के उत्पन्न करने वाले
37सर्वलोकप्रजापतिःसम्पूर्ण लोकों की प्रजाओं के पालक
820सर्वलोचनःसबके दृष्टा
276सर्ववासःसर्वत्र निवास करने वाले
318सर्ववासीसम्पूीर्ण प्राणियोंमें आत्मारूपसे निवास करने वाले
9सर्वविख्यातःसर्वत्र प्रसिद्ध
228सर्वविग्रहःसर्वस्वरूप
132सर्वशुभंकरःसमस्त प्राणियों का हित करने वाले
988सर्वसाधनःसभी साधनों द्वारा साध्य
271सर्वसाधुनिषेवितःसमस्त साधुपुरुषोद्वारा सेवित
16सर्वाङ्गःसम्पूर्ण अंगोंसे सम्पन्न
844सर्वाङ्गःसमस्त अंगोसे सम्पन्न
585सर्वाङ्गरूपःसर्वाङ्ग पूर्णस्वरूपवाले
258सर्वातोद्यपरिग्रहःसम्पूर्ण वाद्यों का संग्रह करने वाले
8सर्वात्मासबके आत्मा
810सर्वायुधःसम्पूर्ण आयुधों से युक्त
652सर्वाशयःसबके आश्रय
828सर्वाश्रयः क्रमःसबके आधारभूत गति
654सर्वेषो प्राणिनां पतिःसमस्त प्राणियोंके स्वामी
906संवत्सरःसंवत्सरूप
78संवत्सरकरःसंवत्र का निर्माता
629सवितासम्पूर्ण जगत कि उत्पति करने वाले
811सहःसहनशील
325सहस्रदःहजारोंका दान करने वाले
839सहस्रपात् सहस्रमूर्धासहस्रों पैर और मस्तकवाले
843सहस्रबाहुःसहस्रों भुजाओंवाले
180सहस्रहस्तःहजारो हाथो वाले
59सहस्राक्षःसहस्रों नेत्र वाले
213सहायःजीवमात्र के सखा
269सांख्यप्रसादःआत्मा और अनात्मा के विवेकरूप सांख्यज्ञान से प्रसन्न होने वाले
899साध्यर्षिःसाध्य देवताओं के आचार्य
506सामास्यःसामवेद जिनका मुख है वे
672सारग्रीवःसुदृढ़ कण्ठवाले
686सारङ्गःचातकस्वरूप
996सिद्धभूतार्थःजिसके समस्त प्रयोजन सिद्ध हैं
341सिद्धयोगीसनत्कुमार आदि सिद्ध महात्मा
344सिद्धसाधकःसिद्ध और साधकरूप
130सिद्धार्थःजिनके सभी प्रयोजन सिद्ध हैं
343सिद्धार्थःआप्तकाम
677सिद्धार्थःवेदकी व्याख्यासे निर्णीत उत्कृष्ट सिद्धान्तस्वरूप
995सिद्धार्थःआप्तकाम
676सिद्धार्थकारीआश्रितजनोंको सफलमनोरथ करने वाले
227सिद्धिःसिद्धिस्वरूप
680सिंहगःसिंहपर आरूढ़ होकर चलनेवाले
679सिंहदंष्ट्रःसिंहके समान दाड़वाले
678सिंहनादःसिंहके समान गर्जना करने वाले
681सिंहवाहनःसिंहपर सवारी करने वाले
155सिंहशार्दूलरूपःसिंह-व्याघ्र आदि का रूप धारण करने वाले
813सुखाजातःसब वृतियों का लय होने पर सुखरूपसे प्रकट होने वाले
656सुखासक्तःअपने परमानन्दमय स्वरूपमें ही रत रहनेवाले
814सुगन्धारःउत्तम गन्धसे युक्त
826सुच्छत्रःउत्तम छत्रस्वरूप
204सुतीक्ष्णदशनःअत्यन्त तीखे दांत वाले
127सुतीर्थःउत्तम तीर्थस्वरूप
515सुदर्शनःसुन्दर दर्शनवाले
560सुनिश्चलःसर्वथा निश्चलरूप
592सुबन्धनविमोचनःमायाके सुदृढ़ बन्धनसे छुड़ानेवाले
300सुबलःउत्त
575सुबान्धवःउत्तम बान्धवरूप
89सुबीजःउत्तम बीजरूप
884सुमहास्वनःमहान गर्जना करने वाले
808सुमुखःसुन्दर मुखवाले
970सुयुक्तःभक्तों पर कृपा करने के लिये सब तरह से सदा सावधान रहने वाले
986सुरगणःदेवसमुदायरूप
872सुरभ्युत्तरणःसुरभि को नीचे उतारनेवाले
391सुराध्यक्षःदेवताओंके अधिपति
605सुरारिहादेवशत्रुओं वध करने वाले
118सुरूपःसुन्दर रूपवाले
122सुवक्त्रःसुन्दर मुख वाले
149सुवर्चसःसुन्दर तेजवाले
313सुवर्चसीउत्तम तेजसे सम्पन्न
456सुवर्णःउत्तम वर्णवाले
87सुवर्णरेताःअग्निरूप
720सुवासःकैलास नामक सुन्दर स्थानमें वास करने वाले
570सुविज्ञेयःसुगमतापूर्वक जानने योग्य
571सुशारदःउत्तिम वाणी बोलनेवाले
750सुषाढःउत्तम सहनशील
251सुसरणःश्रेष्ठ आश्रय
189सुसहःअति सहनशील
423सुस्वप्नःसुन्दर स्वप्नवाले
587सुहृदःहेतुरहित दयालु
967सूक्ष्मःअत्यन्त सूक्ष्मस्वरूप
897सूक्ष्मात्माअति सूक्ष्मस्वरूप
64सूर्यःसबकी उत्पति के हेतुभूत सूर्य
783सेनाकल्पःसेना के आभूषणरूप
144सेनापतिःसेनानायक
61सोमःचन्द्रस्वरूप
617स्कन्दःस्वामी कार्तिकेयस्वरूप
256स्त्रुतःसर्वत्र पहुँचे हुए
117स्त्रुवहस्तःदसवें हाथ में स्त्रुवा धारण करने वाले
2स्थाणुःगृहके आधारभूत खम्भके समान समस्त जगत के आधारस्तम्भ
993स्थावराणां पतिःपर्वतों के स्वामी हिमाचलादिरूप
1स्थिरःचंचलतारहित, कूटस्थ एवं नित्य
525स्थिरःस्थिरस्वरूप
494स्नेहनःप्रजाओंके प्रति पिताकी भाँति स्नेह रखनेवाले
96स्वयं श्रेष्ठःस्वतःसिद्ध श्रेष्ठता से सम्पन्न
55स्वयम्भूतःनित्यसिद्ध
927स्वर्गद्वारम्स्वर्ग के साधनस्वरूप
167स्वर्भानुः
447स्वस्तिदःकल्याणदायक
448स्वस्तिभावःकल्याणमयी सता
49हयगर्दभिःखच्चर जुते रथ पर चलने वाले
18हरःपापहारी
106हरःदुःख हरण करने वाले
753हरःपापहारी
208हरिःआपतियों को हर लेने वाले
377हरिःविष्णुस्वरूप
712हरिःभक्तों का दुःख हर लेनेवाले
787हरिःभक्तों का दुःख हर लेनेवाले
126हरिकेशःब्रहा, विष्णु, महेशस्वरूप
752हरिणःशुद्धस्वरूप
991हरिणःमृगरूप
19हरिणाक्षःमृगके समान विशाल नेत्र वाले
835हर्यक्षःसिंहस्वरूप
212हर्यश्वःहरे रंग के घोड़ो से युक्त
438हविःघी-दूध आदि हवनीय पदार्थरूप
609हविःहविष्यरूप
961हस्तीश्वरःऐरावत हस्ती के ईश्वर-इन्द्रस्वरूप
661हिमवद्गिरिसंश्रयःहिमालयपर्वतके निवासी
252हिरण्य कवचोद्भवःहिरण्यगर्भ की उत्पति का स्थान
713हिरण्यबाहुःसुनहरी कान्तिवाली सुन्दर भुजाओंसे सुशोभित
437हुतःआहुति पाकर प्रसन्न होने वाले अग्निरूप
221हुताशनःअग्नि
219हुताशनसहायःअग्नि के सखा वायुरूप
282हेमकरःसुवर्णके उत्पादक
281हैमःहिमसमूह- हिमालयरूप
932ह्लादनःआनन्द प्रदान करने वाले

॥ ॐ श्री-सीता-लक्ष्मण-भरत-शत्रुघ्न-हनुमत्समेत -श्रीरामचन्द्रपरब्रह्मार्पणमस्तु ॥

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